शोभना शर्मा। राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में थप्पड़ कांड के नाम से चर्चित निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के मामले ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारने और हिंसा के आरोप में गिरफ्तार हुए नरेश मीणा की जमानत याचिका शनिवार को उनियारा एसीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी। घटना के 26 दिन बीत जाने के बाद भी नरेश टोंक जेल में बंद हैं। उनके समर्थक इस फैसले से नाराज हैं और 17 दिसंबर से बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
घटना की पृष्ठभूमि: 13 नवंबर का दिन
13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान बड़ा विवाद खड़ा हो गया। ग्रामीणों के बहिष्कार के बावजूद जबरन वोट डलवाने के प्रयास से गुस्साए निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। घटना ने तुरंत तूल पकड़ लिया, और उस रात पुलिस और नरेश के समर्थकों के बीच भारी संघर्ष हुआ। इस दौरान आगजनी, हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। अगले दिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नरेश और उनके 63 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।
जेल में बंद नरेश और जमानत याचिका का खारिज होना
14 नवंबर से टोंक जेल में बंद नरेश ने अपनी जमानत के लिए शनिवार को पहली बार उनियारा एसीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद चर्चा है कि नरेश अब टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपनी जमानत के लिए अपील कर सकते हैं।
नरेश पर पांच गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, उनके खिलाफ पहले से ही 23 अन्य मामले भी दर्ज हैं। टोंक पुलिस ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए यह संकेत दिए हैं कि वे नरेश को लंबे समय तक जेल में रखने का प्रयास कर रही है।
समर्थकों का गुस्सा और आंदोलन की धमकी
नरेश की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके समर्थकों में आक्रोश है। रविवार को सवाई माधोपुर में चौथ का बरवाड़ा स्थित मीणा धर्मशाला में सर्व समाज की महापंचायत बुलाई गई। इस दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने चेतावनी दी कि अगर 15 दिसंबर तक नरेश को रिहा नहीं किया गया, तो 17 दिसंबर से पूरे राजस्थान में युवा सड़क पर उतरेंगे।
गुंजल ने प्रशासन और सरकार पर नरेश के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता अब चुप नहीं बैठेगी। महापंचायत में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया।
टोंक पुलिस की रणनीति और मामला मजबूत बनाने की कोशिश
टोंक पुलिस ने इस मामले में अपना पक्ष मजबूत बनाने के लिए गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नरेश के खिलाफ दर्ज पुराने मामलों में भी कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है। अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने बीते दिनों इशारा किया था कि इस मामले में पुलिस के पास ठोस सबूत हैं, और नरेश को जल्द रिहा करना मुश्किल होगा।
जनता के बीच चर्चा और भविष्य की संभावनाएं
टोंक जिले के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में नरेश मीणा का मामला गर्म चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर नरेश कब तक जेल में रहेंगे। दूसरी ओर, उनके समर्थक आंदोलन की तैयारी में जुटे हुए हैं।
यह मामला सिर्फ एक थप्पड़ कांड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने राजस्थान की राजनीति में एक बड़ी बहस छेड़ दी है। प्रशासन और सरकार के सामने अब चुनौती है कि वे कैसे इस मामले को संभालते हैं और जनाक्रोश को शांत करते हैं।