मनीषा शर्मा। जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के लिए तैयारियों का दौर तेज़ी से चल रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भव्य और सफल बनाने के लिए सरकार और प्रशासन जुटा हुआ है। लेकिन, शहर की स्वच्छता और सौंदर्य में सुधार की जगह गंदगी और कच्ची बस्तियों को पर्दों के पीछे छुपाने का काम हो रहा है। जयपुर के विभिन्न इलाकों में सफेद और हरे रंग के कपड़े लगाकर गंदगी और बदहाली को ढका जा रहा है।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की तैयारी
राइजिंग राजस्थान समिट में 30 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उद्योगपति शामिल होंगे। यह कार्यक्रम न केवल राजस्थान के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे।
लेकिन जयपुर को स्वच्छ और व्यवस्थित दिखाने की कोशिशें केवल सतही स्तर पर नजर आ रही हैं। शहर के मुख्य मार्गों और समिट रूट के आसपास गंदगी को पर्दों से छुपाया जा रहा है।
गंदगी और कच्ची बस्तियों को ढका गया
जयपुर के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सफाई और सौंदर्यीकरण के अभाव को छुपाने के लिए सफेद और हरे रंग के कपड़ों का उपयोग किया गया है। महेश नगर, जनपथ, सीतापुरा, अजमेर रोड, गौरव टावर और जगतपुरा जैसे इलाकों में, जहां कचरे के ढेर और अधूरे निर्माण कार्य हैं, उन्हें पर्दों से ढक दिया गया है।
- महेश नगर और अजमेर रोड: इन इलाकों में फ्लाईओवर और आरओबी के नीचे फैली गंदगी को छुपाने के लिए सफेद कपड़े लगाए गए हैं।
- जनपथ और सीतापुरा: यहां टूटे मकानों और कचरे को छुपाने के लिए बल्लियां लगाई गई हैं।
- गौरव टावर और जगतपुरा: इन क्षेत्रों में अधूरे निर्माण कार्यों को ढकने के लिए पर्दों का उपयोग किया गया है।
मुख्यमंत्री का दौरा और प्रशासन की तैयारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जयपुर की तैयारियों का तीन बार निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने गंदगी और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई और सुधार के निर्देश दिए। लेकिन इन निर्देशों का क्रियान्वयन केवल कागजों तक सीमित रहा। गंदगी को साफ करने की बजाय, उसे छुपाने का काम प्राथमिकता में रखा गया।
प्रमुख क्षेत्रों की बदहाल स्थिति
- आमेर रोड और सिविल लाइंस: निवेशकों और पर्यटकों के रूट पर आने वाले इलाकों में गंदगी के ढेर लगे हैं।
- दुर्गापुरा और बालाजी मोड़: यहां कचरे और टूटे मकानों को ढकने के लिए पर्दे लगाए गए हैं।
- डीएलबी मुख्यालय: यहां भी सफेद पर्दों का उपयोग किया गया है।
प्रशासन और जनता की प्रतिक्रियाएं
जयपुर नगर निगम ग्रेटर के अधिकारी इसे “आखिरी समय की व्यवस्था” बता रहे हैं। वहीं, स्थानीय निवासियों का कहना है कि गंदगी को छुपाने के बजाय स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए था।
निवेशकों के सामने साफ छवि पेश करने का प्रयास
राइजिंग राजस्थान समिट को जयपुर की छवि को बेहतर दिखाने का एक अवसर माना जा रहा है। लेकिन प्रशासन का यह कदम शहर की असली समस्याओं को उजागर करता है। गंदगी, अधूरे प्रोजेक्ट्स और बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने के बजाय, उन्हें पर्दों के पीछे छुपाया जा रहा है।
सुरक्षा और प्रबंधन
समिट की सुरक्षा के लिए 11 आईपीएस अधिकारियों सहित 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। होटल लगभग फुल हो चुके हैं, और पर्यटकों का आना शुरू हो गया है।