शोभना शर्मा। राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स से पहले पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। उर्स के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु अजमेर दरगाह पहुंचते हैं, जिससे सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के खिलाफ अभियान चला रही है।
दरगाह क्षेत्र में बढ़ाई गई निगरानी
ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स इस महीने के अंत में शुरू होने वाला है। इसे लेकर दरगाह क्षेत्र और आसपास के इलाकों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की शिकायतें सामने आई थीं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुलिस को इन अवैध नागरिकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही पुलिस ने दरगाह क्षेत्र और पहाड़ी इलाकों में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
सर्च ऑपरेशन की प्रगति
पुलिस की टीमें दरगाह क्षेत्र और आसपास के इलाकों में छानबीन कर रही हैं। पहाड़ी इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, जहां अवैध रूप से रह रहे लोगों के छिपे होने की संभावना जताई गई थी। हालांकि, अभी तक किसी अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस का अभियान पूरी सतर्कता के साथ जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हर संभावित कदम उठाए जाएंगे।
स्थायी पुलिस चौकी का निर्माण
राजस्थान सरकार ने अपने बजट में दरगाह के वैकल्पिक मार्ग पर एक स्थायी पुलिस चौकी बनाने की घोषणा की थी। यह चौकी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की मांग पर बनाई जा रही है। इस चौकी का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस नई पुलिस चौकी के माध्यम से दरगाह क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, जिससे उर्स के दौरान सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके।
पिछले अनुभव और मौजूदा सतर्कता
पहले भी दरगाह क्षेत्र और आसपास के पहाड़ी इलाकों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के रहने की शिकायतें मिली थीं। खुफिया विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कई अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा गया था और उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया था। हाल ही में इस मुद्दे पर फिर से ध्यान केंद्रित किया गया है, क्योंकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और भारत में इन अवैध नागरिकों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।
देवनानी का निर्देश और पुलिस का रुख
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उर्स के दौरान किसी भी तरह की सुरक्षा चूक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस ने भी इस मामले में गंभीर रुख अपनाया है और दरगाह क्षेत्र के आसपास के इलाकों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
सुरक्षा और धार्मिक समरसता का संतुलन
अजमेर दरगाह के उर्स का आयोजन धार्मिक समरसता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु हर साल इसमें शामिल होते हैं। ऐसे में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होती है। अवैध नागरिकों की उपस्थिति न केवल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है, बल्कि इस पवित्र आयोजन की गरिमा को भी प्रभावित कर सकती है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें अवैध रूप से रह रहे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।