शोभना शर्मा। राजस्थान की हॉट सीट मानी जाने वाली खींवसर पर इस बार बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल के गढ़ को ढहाने में ऐतिहासिक सफलता पाई है। इस जीत का श्रेय राजस्थान के वरिष्ठ मंत्री गजेंद्र सिंह को दिया जा रहा है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार में अपनी भूमिका निभाई और अपनी मूंछों तक का दांव लगाकर मतदाताओं को एकजुट किया।
खींवसर में बीजेपी की जीत का सफर
गजेंद्र सिंह ने बताया कि 2008 से लेकर 2024 तक, हनुमान बेनीवाल ने हमेशा किसी न किसी दल का समर्थन लेकर ही चुनाव लड़ा। पहली बार जब बेनीवाल बिना समर्थन के चुनाव में उतरे, तो बीजेपी ने उन्हें 14,000 वोटों से हराया। इस जीत में गजेंद्र सिंह की व्यक्तिगत छवि और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों ने अहम भूमिका निभाई।
मूंछों पर दांव लगाने की वजह
गजेंद्र सिंह ने प्रचार के दौरान कहा था कि अगर बीजेपी हारी, तो वे अपनी मूंछ और सिर के बाल कटवा लेंगे। इस पर उन्होंने बताया, “यह मेरी व्यक्तिगत अपील थी। मैंने अपने पुराने वोटर्स को यह संदेश दिया कि मैंने क्षेत्र के लिए विकास किया है और इस बार केवल आपका एक वोट मांग रहा हूं। मूंछ और बालों का दांव इसलिए लगाया ताकि मतदाता भावनात्मक रूप से जुड़ें।”
कांग्रेस-आरएलपी की ‘सेटिंग’ का दावा
गजेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि कांग्रेस और आरएलपी के बीच चुनाव से दो दिन पहले गठबंधन हो गया था। उन्होंने कहा, “मुझे उनकी योजना का पता चल गया था। कांग्रेस ने अपने वोट आरएलपी को ट्रांसफर किए। मैंने इस स्थिति को भांपते हुए अपनी रणनीति बदली और व्यक्तिगत अपील की।”
रणनीति और जातिगत समीकरण
खींवसर में बीजेपी ने विभिन्न जातियों को एकजुट किया। गजेंद्र सिंह ने कहा, “हमारे गैर-जाट और गैर-मुस्लिम वोटर्स को पोलिंग बूथ तक लाना बड़ी चुनौती थी। राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और ओबीसी समुदायों को सक्रिय करने के लिए भावनात्मक अपील की गई।”
आरएलपी का बढ़ता वोट शेयर और बीजेपी की प्रतिक्रिया
गजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि आरएलपी का वोट शेयर बढ़ा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी ने सीधी लड़ाई में कांग्रेस-आरएलपी गठबंधन को हराया। उन्होंने कहा, “यह जीत बीजेपी की मजबूती को दर्शाती है। यह हमारे लिए मील का पत्थर साबित होगी।”
धनंजय सिंह की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
गजेंद्र सिंह के बेटे धनंजय सिंह ने इस चुनाव में जमीनी स्तर पर काम किया। गजेंद्र सिंह ने कहा, “धनंजय ने क्षेत्र में बीजेपी को सक्रिय करने में अहम भूमिका निभाई। परिसीमन के बाद उनके लिए कई संभावनाएं खुलेंगी।”
राजनीतिक गठबंधन और भविष्य की रणनीति
गजेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी आलाकमान ने बागियों और निर्दलीयों को साधने में बेहतरीन काम किया। उन्होंने कहा, “यह जीत टीमवर्क का परिणाम है। सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मिलकर यह संभव किया।”
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
खींवसर की जीत बीजेपी के लिए भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं का द्वार खोलेगी। गजेंद्र सिंह ने भरोसा जताया कि खींवसर उपचुनाव की जीत राजस्थान में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करेगी।