मनीषा शर्मा। राजस्थान के भिवाड़ी और झुंझुनूं में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
- भिवाड़ी में AQI 458 रिकॉर्ड किया गया, जबकि झुंझुनूं का AQI 432 है।
- सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की चौथी स्टेज लागू कर दी है।
- इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्यों पर रोक और पानी का छिड़काव जैसे उपाय शुरू किए गए हैं।
प्रदूषण के कारण और स्वास्थ्य पर असर
प्रदूषण के बढ़ने के कारण:
- मौसम में बदलाव:
ठंड और कोहरे के कारण प्रदूषकों का जमाव हो रहा है। - कचरा जलाने और धूल:
झुंझुनूं और भिवाड़ी में कचरा जलाने और निर्माण कार्यों से धूल का स्तर बढ़ रहा है। - उद्योगों का उत्सर्जन:
भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र में उत्सर्जन पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
भिवाड़ी जिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. केके शर्मा के अनुसार:
- बीमारियों में वृद्धि:
खांसी, जुकाम, आंखों में जलन, स्किन एलर्जी, और सांस लेने में तकलीफ के मामले 20% तक बढ़ गए हैं। - प्रभावित वर्ग:
बच्चे, बुजुर्ग, और अस्थमा मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
भिवाड़ी में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
CPCB के निर्देश:
- निर्माण कार्यों पर रोक:
भवन निर्माण और मरम्मत के सभी कार्यों पर तुरंत रोक लगाई गई है। - पानी का छिड़काव:
रीको (RIICO) ने 1 लाख लीटर पानी रोजाना सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में छिड़कने का कार्य शुरू किया है। - स्मॉग गन का इस्तेमाल:
धूल को कम करने के लिए स्मॉग गन का प्रयोग किया जा रहा है। - टीमों का गठन:
प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और कचरा जलाने पर निगरानी के लिए दो टीमें बनाई गई हैं।
प्रदूषण के अन्य कदम:
- उद्योगों को नोटिस:
पांच उद्योगों को GRAP नियमों के उल्लंघन पर नोटिस जारी किया गया है। - वाहनों की निगरानी:
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।
झुंझुनूं में प्रदूषण के हालात और उपाय
स्थिति:
झुंझुनूं में AQI 432 तक पहुंच गया है।
- रविवार को यह 414 था, जो सोमवार को और खराब हो गया।
- लोग सांस लेने और आंखों में जलन की समस्या झेल रहे हैं।
प्रशासन के निर्देश:
- कचरा जलाने पर रोक:
झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा ने कचरा जलाने पर सख्त पाबंदी लगाई। - रात में सफाई प्राथमिकता:
नगर परिषद को रात में सफाई अभियान चलाकर धूल को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए। - मास्क के उपयोग का सुझाव:
अस्थमा और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
GRAP: वायु प्रदूषण नियंत्रण का कार्ययोजना
क्या है GRAP?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) प्रदूषण कम करने की सरकारी योजना है। इसे चार चरणों में लागू किया जाता है:
- मॉडरेट (AQI 101-200): सामान्य एहतियात।
- खराब (AQI 201-300): निर्माण पर आंशिक पाबंदी।
- बहुत खराब (AQI 301-400): स्मॉग गन और पानी का छिड़काव।
- गंभीर (AQI 400+): निर्माण कार्यों पर पूरी रोक, उद्योगों पर निगरानी।
भिवाड़ी में GRAP का चौथा चरण लागू:
- निर्माण और तोड़फोड़ कार्य पर रोक।
- सार्वजनिक जगहों पर कचरा जलाने पर प्रतिबंध।
- औद्योगिक उत्सर्जन की जांच।
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सख्त कदम।
प्रदूषण के असर से बचाव के उपाय
- मास्क पहनें:
बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को मास्क का उपयोग करना चाहिए। - घर के अंदर रहें:
बाहर की हवा से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। - हवा शुद्ध करने वाले उपकरण:
घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। - स्वास्थ्य जांच:
यदि खांसी, जुकाम या सांस की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।