शोभना शर्मा। टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में सोमवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के सम्मान में एक भव्य सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कत्थक, घूमर और “राम आये” जैसे भारतीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।
देवनानी ने इस अवसर पर कहा कि भारत और जापान के ऐतिहासिक संबंध आपसी समझ और दोस्ती को गहरा बनाने में सहायक रहे हैं। साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने इन संबंधों को नई ऊंचाई दी है।
भारत-जापान सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग पर चर्चा
देवनानी ने जापान में भारत के राजदूत सी.बी. जॉर्ज से मुलाकात की।
- चर्चा में सेमीकंडक्टर, ऑटोमोबाइल, तकनीकी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश पर जोर दिया गया।
- उन्होंने जापान में भारतीय समुदाय की बढ़ती उपस्थिति पर भी बात की।
- टोक्यो में “मिनी इंडिया” के रूप में उभरते निशिकासाई क्षेत्र और वहां रहने वाले आईटी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की सराहना की।
माउंट फूजी और हिमालय के बीच पर्यटन कनेक्ट
वासुदेव देवनानी ने माउंट फूजी के प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन किया और सुझाव दिया कि माउंट फूजी और हिमालय के बीच एक पर्यटन कनेक्शन स्थापित कर दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
माउंट फूजी, जो 12,388 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, अपनी ज्वालामुखीय विरासत और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह भारत-जापान के प्राकृतिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का जरिया बन सकता है।
राजस्थान पर्यटन और सांस्कृतिक गौरव पर वृत्तचित्र
समारोह में राजस्थान के पर्यटन और शौर्य को दर्शाने वाला एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया गया।
- इसमें चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, उदयपुर, और रणथंभौर के प्रसिद्ध किले दिखाए गए।
- राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत ने जापान में बसे प्रवासी भारतीयों और अन्य अतिथियों को मंत्रमुग्ध किया।
देवनानी की जयपुर वापसी
चार देशों की यात्रा के बाद वासुदेव देवनानी बुधवार को जयपुर लौटेंगे। इस यात्रा ने भारत-जापान के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है।