शोभना शर्मा। अजमेर में एक 23 साल की युवती की हार्ट अटैक से मृत्यु ने कम उम्र में हार्ट अटैक की घटनाओं पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। देर रात ऑफिस का काम निपटाकर सोने के बाद सुबह 5 बजे के आसपास सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या को उजागर करती है। कम उम्र में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के कारण और जोखिम कारकों को समझना अत्यावश्यक है।
युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते कारण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि हर साल लगभग 6 करोड़ लोगों की मौत में से 32% मौतों की वजह कार्डियोवस्कुलर डिजीज हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि हार्ट डिजीज सबसे बड़ी मौत का कारण बन रही है। पिछले कुछ वर्षों में, खासकर कोविड के बाद, कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़े हैं।
कम उम्र में हार्ट अटैक के प्रमुख कारण
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल:
आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में अस्वस्थ जीवनशैली आम हो चुकी है। देर रात तक जागना, फास्ट फूड का सेवन, एक्सरसाइज की कमी, और तनाव का बढ़ता स्तर हार्ट डिजीज का मुख्य कारण बन रहा है।
- हाई ब्लड प्रेशर:
हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के बड़े जोखिम कारकों में से एक है। लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हार्ट पर दबाव बनाता है, जिससे ब्लड वेसल्स पर असर पड़ता है और यह कभी भी हार्ट अरेस्ट का कारण बन सकता है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल:
कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसल्स में एक गाढ़े फैट की तरह जमा हो जाता है, जिससे खून की आवाजाही बाधित होती है और हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
- फैमिली हिस्ट्री:
जिनके परिवार में किसी को हार्ट अटैक हुआ है, उन्हें आनुवांशिक कारणों से अधिक खतरा रहता है। 60 साल से कम उम्र में अगर परिवार में किसी को हार्ट अटैक होता है, तो अन्य सदस्यों में भी यह जोखिम बढ़ जाता है।
- स्मोकिंग:
युवाओं में स्मोकिंग का बढ़ता चलन हार्ट अटैक का कारण बन रहा है। स्मोकिंग से ब्लड वेसल्स और फेफड़े कमजोर हो जाते हैं, जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- डायबिटीज:
डायबिटीज से हार्ट की मसल्स और ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाती हैं। जिन लोगों को डायबिटीज है, उनमें हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी आम होती है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है।
- मोटापा:
मोटापा लाइफस्टाइल डिजीज के लिए एक बड़ा जोखिम है, जैसे कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस। ये सभी फैक्टर हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं।
- कोविड इंफेक्शन का प्रभाव:
कोविड ने शरीर, विशेषकर फेफड़ों और ब्लड वेसल्स को कमजोर किया है। इसके कारण हार्ट पर अधिक दबाव पड़ रहा है। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि कोविड वैक्सीन भी दिल पर प्रभाव डाल सकती है।
कम उम्र में हार्ट अटैक के मामलों से कैसे बचें?
स्वस्थ आहार और एक्सरसाइज: हेल्दी डाइट का पालन करें, जिसमें अधिक से अधिक हरी सब्जियां, फल और फाइबर हो। रोजाना एक्सरसाइज करें, जो दिल की मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करता है।
तनाव प्रबंधन: तनाव का सही से प्रबंधन करना भी हार्ट की सेहत के लिए जरूरी है। मेडिटेशन और योग इसके अच्छे उपाय हैं।
स्मोकिंग से दूर रहें: स्मोकिंग छोड़ने से हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम हो सकता है।
रेगुलर चेकअप: नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल की जांच करवाएं।