शोभना शर्मा। राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और पुलिस के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। यह घटना तब शुरू हुई जब मतदान केंद्र पर पुलिस मतपेटियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी कर रही थी और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ बूथ के बाहर धरने पर बैठे थे। पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के प्रयास के दौरान नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी।
इस पथराव में एसपी की गाड़ी समेत कई पुलिस वाहनों को नुकसान हुआ। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इस झड़प में दस से अधिक पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। धौलपुर से एसटीएफ और आसपास के सुरक्षा बलों को स्थिति नियंत्रित करने के लिए तैनात कर दिया गया है।
निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा का धरना और विवाद की शुरुआत
नरेश मीणा का आरोप है कि पुलिस ने उनके समर्थकों के लिए आने वाले खाने के पैकेट को टोल पर रोक लिया था। इस पर वे पुलिस से बातचीत करने गए लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद, उनके समर्थकों ने पुलिस हिरासत से नरेश मीणा को छुड़ा लिया।
इससे पहले, नरेश मीणा ने सेक्टर मजिस्ट्रेट (मालपुरा एसडीएम) अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना को लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। बताया जा रहा है कि उन्होंने यह कदम ग्रामीणों की मांग को लेकर उठाया था। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी लोगों को जबरन वोट देने के लिए दबाव बना रहे थे, जिसे लेकर मीणा ने विरोध जताया।
गांव की मांग और चुनाव बहिष्कार का कारण
समरावता गांव के लोगों ने तहसील और उपखंड मुख्यालय के स्थानांतरण के खिलाफ विरोध जताते हुए मतदान का बहिष्कार किया था। ग्रामीण चाहते हैं कि उनका गांव देवली के बजाय उनियारा तहसील में जुड़ा रहे। वर्तमान में देवली मुख्यालय की दूरी करीब 100 किलोमीटर है, जबकि उनियारा की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है।
जबरन वोट डलवाने का आरोप और पथराव
दोपहर 1 बजे मतदान केंद्र पर तैनात आशा सहयोगिनी चित्रा मीणा ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें और अन्य लोकल कर्मचारियों को जबरन वोट डालने के लिए धमकाया। इस बात को सुनते ही निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा गुस्से में मतदान केंद्र पर पहुंचे और सेक्टर अधिकारी से बहस करने लगे।
इस घटना के बाद से मतदान में देरी हुई और बूथ पर साढ़े तीन बजे वोटिंग शुरू हुई, जो रात 7:45 बजे तक चली। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पुलिस को पोलिंग पार्टियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना था, लेकिन मीणा के समर्थकों ने सड़क पर धरना दे रखा था। इसी दौरान पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के प्रयास के दौरान पथराव और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई।
RAS एसोसिएशन का विरोध और हड़ताल की चेतावनी
इस घटना के बाद आरएएस एसोसिएशन ने नाराजगी जताई और पैन डाउन हड़ताल की चेतावनी दी। एसोसिएशन ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की है।
कलेक्टर और एसपी का बयान
जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने कहा कि आचार संहिता हटने के बाद समरावता गांव को उनियारा तहसील से जोड़ने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। एसपी विकास सांगवान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की बात कही है।