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पनीर बंद और खारा लाणा: दो विलुप्त हो रहे औषधीय पौधे और उनके लाभ

पनीर बंद और खारा लाणा: दो विलुप्त हो रहे औषधीय पौधे और उनके लाभ

शोभना शर्मा। पनीर बंद का पौधा (विथानिया कौयगुलाना), जिसे आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, एक झाड़ीदार पौधा है जो राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में पाया जाता था। इस पौधे का उपयोग पहले पनीर बनाने के लिए होता था, लेकिन समय के साथ इसका औषधीय उपयोग भी बढ़ा है। इसकी पत्तियाँ और फूल डायबिटीज, अल्जाइमर और त्वचा रोगों जैसी कई बीमारियों के उपचार में सहायक माने गए हैं।

यह पौधा धीरे-धीरे विलुप्त होने लगा था, लेकिन जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) द्वारा इसे पुनः जीवित कर दिया गया है ताकि इसके पारंपरिक और औषधीय महत्व को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाया जा सके।

कैसे बनाया जाता था पनीर: इस पौधे के फूलों को रातभर दूध में रखकर पनीर तैयार किया जाता था। दूध को फूलों के साथ रख देने से खटास आ जाती थी, जिससे प्राकृतिक पनीर बनता था। हालांकि, अब यह प्रक्रिया आधुनिक तरीकों से स्थानांतरित हो चुकी है, और पौधे का औषधीय उपयोग बढ़ गया है। इसके फूल का अर्क अब दवाइयों के रूप में उपयोग किया जा रहा है, विशेषकर ब्लड शुगर कंट्रोल, सर्दी-जुकाम और बुखार के इलाज में।

खारा लाणा: पापड़ खार बनाने का एक दुर्लभ पौधा

खारा लाणा का पौधा (हेलोक्सिलीन रिकर्वम), अमरेन्थेसी परिवार से संबंधित एक झाड़ीदार प्रजाति है, जिसका उपयोग पापड़ खार बनाने में किया जाता है। यह पौधा मुख्य रूप से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और राजस्थान में पाया जाता था, लेकिन अब इसकी उपलब्धता नाममात्र रह गई है। काजरी द्वारा इस पौधे की प्रजाति को पुनर्जीवित कर इसका संरक्षण किया जा रहा है।

कैसे बनता है पापड़ खार: इस पौधे को जलाकर एक गड्‌ढे में रखा जाता था, और इसे ढककर कई दिनों तक जलाया जाता था। इसके बाद प्राप्त लिक्विड को ठंडा कर पापड़ खार तैयार होता था, जो पापड़ का स्वाद बढ़ाने में सहायक होता था। रासायनिक तरीकों से पापड़ खार तो बनाया जा सकता है, लेकिन खारा लाणा का खार आज भी उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है।

पनीर बंद और खारा लाणा के औषधीय लाभ और आधुनिक उपयोग

पनीर बंद के औषधीय गुण:

  1. डायबिटीज प्रबंधन: पनीर बंद का फूल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  2. अल्जाइमर में सहायक: न्यूरोप्रोटेक्टिव गुणों के कारण अल्जाइमर जैसी बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है।
  3. खून को साफ करता है: इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण खून को शुद्ध करने और डैमेज सेल्स को रिपेयर करने में मददगार हैं।
  4. त्वचा की समस्याओं का समाधान: पनीर के फूल का पानी कील-मुहांसे, एंटी एजिंग, और दाग-धब्बों के लिए लाभकारी है।
  5. सर्दी-जुकाम और बुखार में राहत: इसका काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने और सर्दी-जुकाम में राहत देने के लिए उपयोगी है।

खारा लाणा के औद्योगिक लाभ:

  1. पापड़ खार उत्पादन: खारा लाणा के पौधे से मिलने वाला सोडियम कार्बोनेट प्राकृतिक पापड़ खार के रूप में सबसे अधिक उपयोगी है।

  2. रासायनिक खाद्य उत्पादों में सुधार: खारा लाणा के पौधे से बने खार में प्राकृतिक तत्व होते हैं जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार हैं।

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