मनीषा शर्मा। ईड़ाणा माता मंदिर राजस्थान के उदयपुर से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो अपनी अद्भुत धार्मिक मान्यताओं और चमत्कारिक घटनाओं के लिए जाना जाता है। यह स्थान अब सलूंबर जिले में आता है और नवरात्रि के समय यहां भक्तों का विशाल सैलाब देखने को मिलता है। इस शक्तिपीठ की विशेषता यह है कि यहां मां स्वयं अग्नि के रूप में प्रकट होती हैं और अग्नि स्नान करती हैं, जिसे देखकर भक्तों के मन में असीम श्रद्धा और भक्ति की भावना जाग्रत होती है।
अग्नि स्नान: एक अद्भुत धार्मिक घटना
ईड़ाणा माता मंदिर में अग्नि स्नान एक अत्यंत चमत्कारी घटना मानी जाती है। इस मंदिर में मां स्वयं अग्नि की लपटों में स्नान करती हैं। भक्तों का मानना है कि जब मां प्रसन्न होती हैं, तो वे अग्नि स्नान करती हैं और इस प्रक्रिया के दौरान उनके सभी दुखों और कष्टों को समाप्त कर देती हैं। खास बात यह है कि इस अग्नि स्नान का कोई निश्चित समय और दिन नहीं होता। जिस दिन यह घटना होती है, उस दिन मंदिर में एक प्रकार का उत्सव मनाया जाता है।
मां की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे स्थित है, और जब अग्नि स्नान की प्रक्रिया शुरू होती है, तो मंदिर के पुजारी सबसे पहले मां की प्रतिमा से सोने-चांदी के आभूषणों और श्रृंगार को हटा देते हैं। आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई देती हैं और भक्त इस चमत्कारी दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह कहा जाता है कि जब भी अग्नि स्नान होता है, मंदिर का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो जाता है और हर ओर “जय मां ईड़ाणा” के जयकारे गूंजने लगते हैं।
लकवा रोगियों का चमत्कारी इलाज
ईड़ाणा माता की मान्यता के अनुसार, यहां लकवा से पीड़ित लोग माता की कृपा से पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि जो भी भक्त मां की शरण में आता है और अग्नि स्नान के दर्शन करता है, उसके सारे दुख और पीड़ाएं समाप्त हो जाती हैं। खासतौर पर लकवा रोगियों के लिए यह मंदिर आशा की किरण के रूप में जाना जाता है।
यहां लकवाग्रस्त रोगी तब तक मंदिर परिसर में रहते हैं जब तक वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते। इन रोगियों के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनमें भोजन, आवास और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। भक्त जब अपनी मन्नत पूरी करते हैं, तो मां के समक्ष त्रिशूल चढ़ाते हैं और उनकी कृपा का आभार प्रकट करते हैं।
नवरात्रि में विशेष आयोजन
नवरात्रि के दौरान ईड़ाणा माता मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं। मंदिर ट्रस्ट द्वारा नवरात्रि के प्रथम दिन से शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है, जो पूरे नौ दिनों तक चलता है। इस दौरान प्रतिदिन मां का विशेष श्रृंगार किया जाता है और भक्तों के लिए विशेष पूजा और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। मंदिर को विद्युत रोशनी और फूलों से सजाया जाता है, जिससे यहां का वातावरण और भी भक्तिमय हो जाता है।
ट्रस्ट अध्यक्ष गोपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। प्रतिदिन शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल होते हैं। इसके अलावा, यहां अखंड ज्योत भी जलती रहती है, जो मंदिर में एक विशेष स्थान पर स्थापित है। यह ज्योत पूरी तरह से कांच के बॉक्स में बंद रहती है, ताकि किसी को यह भ्रम न हो कि अग्नि स्नान इसी ज्योत के कारण होता है।
लकवा रोगियों की सेवा
ईड़ाणा माता मंदिर के ट्रस्ट द्वारा सालभर लकवा से पीड़ित रोगियों और अन्य भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है। यहां एक भोजनशाला संचालित होती है, जहां भक्तों के लिए प्रतिदिन भोजन तैयार किया जाता है। भोजनशाला का पूरा खर्च भामाशाह भीम सिंह चुंडावत द्वारा उठाया जाता है।
इस भोजनशाला में लकवा रोगियों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है, ताकि वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो सकें। माता की कृपा से यह कहा जाता है कि जो भी यहां आता है, वह अपने सभी दुखों से मुक्ति पाकर जाता है। यही कारण है कि हर साल लाखों भक्त इस मंदिर में आकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपनी मन्नतें पूरी करते हैं।
ईड़ाणा माता की महिमा
ईड़ाणा माता मंदिर की महिमा इतनी अद्भुत है कि यहां आने वाला हर भक्त मां की कृपा का अनुभव करता है। खासतौर पर अग्नि स्नान का दृश्य भक्तों के लिए जीवन का एक यादगार पल बन जाता है। जब मां अग्नि स्नान करती हैं, तो ऐसा लगता है कि पूरी प्रकृति उनके स्वागत में धधकती हुई अग्नि के रूप में प्रकट हो रही है।
यहां के पुजारियों का कहना है कि अग्नि स्नान के बाद करीब 2-3 दिन तक मंदिर के आसपास अग्नि की लपटें दिखाई देती हैं। जब अग्नि शांत हो जाती है, तो फिर से मां का विशेष श्रृंगार किया जाता है और भक्तों को दर्शन के लिए मंदिर खोला जाता है। यह चमत्कारी घटना ही ईड़ाणा माता को दुनिया भर के भक्तों के लिए एक विशेष स्थान बनाती है।
मंदिर का धार्मिक महत्व
ईड़ाणा माता मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। यहां हर साल नवरात्रि के दौरान सैकड़ों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं और मां की कृपा का अनुभव करते हैं। मंदिर के आसपास का वातावरण शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
मंदिर के ट्रस्ट सचिव अंबालाल शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में सालभर धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां लकवा रोगियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं और नवरात्रि के दौरान भक्तों के लिए विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन होता है।