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गहलोत सरकार के 800 फैसलों का रिव्यू: कई फैसले बदलने की तैयारी में नई सरकार

गहलोत सरकार के 800 फैसलों का रिव्यू: कई फैसले बदलने की तैयारी में नई सरकार

मनीषा शर्मा । राजस्थान की नई सरकार द्वारा पिछली गहलोत सरकार के आखिरी छह माह में लिए गए लगभग 800 फैसलों का रिव्यू किया जा रहा है। इन फैसलों में जमीन आवंटन, माइंस सौदों और वित्तीय निर्णयों के शामिल होने के कारण इनकी गहन समीक्षा की गई है। कैबिनेट सब कमेटी ने मंगलवार को कई विभागों के मामलों का निरीक्षण किया और बुधवार को अंतिम बैठक के बाद इस समीक्षा रिपोर्ट को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपने की योजना है।

गहलोत सरकार के फैसलों पर रिव्यू: क्या बदले जाएंगे बड़े निर्णय?

कैबिनेट सब कमेटी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर शामिल हैं, ने कांग्रेस राज के दौरान लिए गए निर्णयों को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। खींवसर ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने कई निर्णय नियमों की अनदेखी कर लिए। इन फैसलों में विभिन्न संस्थाओं को जमीनों का आवंटन और अन्य वित्तीय लाभ शामिल हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर लिए गए थे।

स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने कहा कि “कांग्रेस सरकार ने नियमों की अनदेखी कर जमीनों का बड़े पैमाने पर आवंटन किया, जिसमें कुछ निजी लोगों को भी फायदा पहुंचाया गया।” सरकार की नजर में जमीन और माइंस आवंटन के महंगे सौदे असामान्य तरीके से किए गए थे।

कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में महत्वपूर्ण विषय

कैबिनेट सब कमेटी ने मंगलवार को स्वास्थ्य, वित्त और महिला बाल विकास जैसे प्रमुख विभागों से जुड़े मामलों की समीक्षा की। इसके दौरान पाया गया कि गहलोत सरकार के समय चिकित्सा विभाग का बजट 400 करोड़ से बढ़ाकर 600 करोड़ कर दिया गया था। महिला बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने बताया कि कमेटी ने कई अनियमितताओं को रेखांकित किया है और इन्हें लेकर बुधवार को अंतिम चर्चा के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि गहलोत सरकार के तहत वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन करते हुए कई फैसले लिए गए। “हमने पाया कि सरकारी दवा बनाने वाली कंपनी को बंद कर दिया गया, जबकि इसका संचालन महत्वपूर्ण था।” इससे सरकार के बजट पर अतिरिक्त भार पड़ा।

गहलोत सरकार पर लगे नियम-कायदों के उल्लंघन के आरोप

गहलोत सरकार के निर्णयों पर टिप्पणी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिनमें वित्तीय और संस्थागत संसाधनों का उपयोग किया गया। “कांग्रेस सरकार ने कई गैरकानूनी फैसले लिए, जिनमें जनता के धन का उपयोग नियमों के विरुद्ध किया गया,” खींवसर ने कहा।

संभावित बदलाव और आने वाले फैसले

कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार यह निर्णय ले सकती है कि किन फैसलों को निरस्त किया जाए और किन पर नए सिरे से कार्यवाही की जाए। स्वास्थ्य, वित्त और भूमि आवंटन से जुड़े निर्णयों की समीक्षा के बाद सरकार कई महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है।

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