शोभना शर्मा। राजस्थान की सियासत में RPSC पेपर लीक मामले को लेकर राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग करने की मांग की, वहीं दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट के बयान पर तंज कसते हुए राजनीतिक द्वेषता के आरोप लगाए।
गहलोत ने सोमवार को जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान बिना नाम लिए पायलट की ओर इशारा करते हुए कहा, “कुछ लोगों को थोड़ी गलतफहमी है कि RPSC को भंग किया जा सकता है।” इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है, जहां गहलोत और पायलट के बीच का पुराना विवाद फिर से चर्चा में आ गया है।
1. RPSC भंग करने की मांग पर गहलोत का कटाक्ष
अशोक गहलोत ने बिना सचिन पायलट का नाम लिए कहा कि आरपीएससी को भंग करना संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि UPSC और RPSC का गठन आजादी के बाद हुआ और इनके मेंबर्स को हटाने या संस्था को भंग करने का अधिकार सरकार के पास नहीं है। गहलोत का यह बयान सीधे तौर पर पायलट के उस बयान का जवाब था, जिसमें उन्होंने पेपर लीक के मामले के बाद आरपीएससी को भंग करने की मांग उठाई थी।
गहलोत ने कहा, “जब एक मेंबर को हटाना संभव नहीं है, तो आरपीएससी को कैसे भंग किया जा सकता है?” यह बयान पायलट की ओर से हाल ही में की गई आरपीएससी की पुनर्गठन की मांग पर एक स्पष्ट कटाक्ष था।
2. पेपर लीक मामले में सियासी तनाव
राजस्थान में पेपर लीक के कई मामले उजागर हुए हैं, जिसके कारण युवाओं को नौकरियों से वंचित होना पड़ा है। इस मामले को लेकर सचिन पायलट ने बार-बार राज्य सरकार पर हमला बोला है। पायलट ने पहले भी अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और 1 दिन का अनशन किया था, जिसमें उन्होंने आरपीएससी संस्था को भंग कर पुनर्गठन की मांग की थी।
पायलट के इस कदम के बाद भी गहलोत ने अपनी ही सरकार के अंदर चल रहे इस सियासी खेल को लेकर संयम रखा, लेकिन अब RPSC भंग करने की मांग पर गहलोत ने पायलट पर निशाना साधा है।
3. गहलोत का पेपर लीक मामलों पर सरकार पर हमला
अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार पेपर लीक के नाम पर युवाओं को रोजगार देने में नाकाम हो रही है। उन्होंने कहा, “हमने अपनी सरकार में बेरोजगारों को नौकरियां दीं थीं। अब जो भी पेपर लीक मामले में आरोपी हैं, उन्हें जेल में डालो। किसने रोका है?” गहलोत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भजनलाल सिर्फ बातें करते हैं, जबकि हमने जोधपुर में कई काम किए हैं, जिनमें मारवाड़ मेडिकल विश्वविद्यालय का निर्माण शामिल है।
गहलोत ने जयपुर और जोधपुर की टूटी सड़कों को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि राज्य में बुनियादी ढांचे की हालत बेहद खराब हो गई है।
4. पायलट की RPSC भंग करने की पुरानी मांग
सचिन पायलट ने राजस्थान में पेपर लीक के मामलों के खुलासे के बाद कई बार राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने पहले भी RPSC संस्था को भंग कर पुनर्गठन की मांग की थी और अब फिर से भजनलाल सरकार से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है।
पायलट का कहना है कि आरपीएससी की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, और इसे पुनर्गठित किए बिना युवाओं के भविष्य के साथ न्याय नहीं किया जा सकता।
5. गहलोत-पायलट विवाद: पुरानी अदावत फिर से आई सामने
गहलोत और पायलट के बीच का सियासी विवाद राजस्थान की राजनीति में किसी से छिपा नहीं है। गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर कटाक्ष करते हुए यह दिखा दिया कि उनकी अदावत अब भी जारी है। पायलट के RPSC भंग करने की मांग को गहलोत ने गलतफहमी करार दिया और इससे यह संकेत मिलते हैं कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद गहरे हैं।
गहलोत का कहना है कि पेपर लीक के मामलों को लेकर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन RPSC जैसी संस्था को भंग करना कोई समाधान नहीं है।