मनीषा शर्मा। राजस्थान में सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि दिसंबर से पहले कई मंत्रियों की पर्ची बदलेगी, और संभव है कि बड़ी पर्ची भी बदल जाए। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। डोटासरा का यह बयान कांग्रेस के आगामी राजनीतिक फैसलों को लेकर संभावनाओं को जन्म देता है।
किरोड़ी मीणा पर निशाना
डोटासरा ने किरोड़ी मीणा के इस्तीफे को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा क्यों गले में जीवित सांप को डालकर घूमना चाहते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि किरोड़ी मीणा बीजेपी सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नेतृत्व पर विश्वास नहीं है। किरोड़ी मीणा ने हाल ही में अपने इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए थे, और डोटासरा ने उनके बयान को बीजेपी की अंदरूनी कलह के प्रतीक के रूप में पेश किया।
डोटासरा का यह बयान दर्शाता है कि बीजेपी के भीतर गहराता विवाद सार्वजनिक रूप से सामने आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही डिप्टी सीएम की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी। इससे संकेत मिलते हैं कि प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
ब्यूरोक्रेसी पर कटाक्ष
ब्यूरोक्रेसी में हो रही उठा-पटक को लेकर डोटासरा ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई अधिकारियों का लगातार ट्रांसफर हो रहा है और सरकार असमंजस की स्थिति में है। डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि जब मुख्य पदों के लिए आरपीएस की लिस्ट आती है, तो बीजेपी को कहना पड़ता है कि कांग्रेस के समय जो अधिकारी नियुक्त किए गए थे, वे बेहतर थे। यह बात बीजेपी की प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाती है।
उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में पार्टी लाइन पर काम करने की भी आलोचना की। डोटासरा ने कहा कि प्रशासनिक पदों पर नियुक्तियां करने में भी बीजेपी ने पक्षपात किया है, जिससे सरकार की साख और घट रही है।
सरकारी नियुक्तियों और नौकरियों पर हमला
डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर सरकारी नौकरियों और नियुक्तियों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने नई वैकेंसी की कोई घोषणा नहीं की है। जो भर्तियां जारी हैं, वे पुरानी हैं और उनकी विज्ञप्तियां भी कांग्रेस सरकार के समय निकाली गई थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन धरातल पर काम नजर नहीं आता।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ जनता को झूठे वादों और घोषणाओं से भ्रमित कर रही है। “जो पर्ची दिल्ली से आती है, उसे सीएम पढ़कर सुना देते हैं,” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा। डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का कोई विजन नहीं है और राज्य में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।
बीजेपी सरकार की आलोचना
डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर लगातार हमला बोलते हुए कहा कि पिछले नौ महीनों में सरकार ने एक भी नया विकास कार्य नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही और आरपीएससी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। “परीक्षा देने वाले से लेकर इंटरव्यू देने वाले तक सबको बेईमान कहा जा रहा है,” उन्होंने कहा। डोटासरा ने चेतावनी दी कि ऐसे आरोप प्रदेश की छवि को धूमिल कर सकते हैं और लोगों के मन में शंका उत्पन्न कर सकते हैं।
केंद्र सरकार पर भी हमला
डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी पहले की तरह आत्मविश्वास से भरे नहीं रहे हैं। “पहले मोदी जी लोकसभा में नहीं आते थे और आते तो केवल कांग्रेस को गालियां देते थे, लेकिन अब जब संसद में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के रूप में बैठे हैं, तो मोदी की नजरें झुकी रहती हैं,” डोटासरा ने कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करके विपक्षी सरकारों को गिराने का प्रयास करती है। डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री अब उतने प्रभावी नहीं रहे, जितने पहले हुआ करते थे।
डोटासरा का दृष्टिकोण
डोटासरा का मानना है कि वर्तमान सरकार पूरी तरह से राजनीतिक अदूरदर्शिता का शिकार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, जबकि खुद के पास कोई ठोस विकास नीति नहीं है।
डोटासरा ने बीजेपी के नेताओं पर यह भी आरोप लगाया कि वे सत्ता में रहकर केवल नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल साजिश करने में माहिर है और विकास के नाम पर कुछ नहीं कर रही है।