शोभना शर्मा। राजस्थान के सीकर जिले के प्रसिद्ध शक्ति पीठ श्री जीणमाता मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर 3 अक्टूबर से शुरू होने वाला लक्खी मेला 12 अक्टूबर तक चलेगा। यह मेला जयपुर-सीकर मार्ग पर रानोनी गांव के निकट स्थित है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को आकर्षित करता है। इस वर्ष भी लाखों भक्त जीणमाता के दर्शन के लिए पहुंचने वाले हैं।
मेला शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन से शुरू होगा और अश्विनी शुक्ल नवमी तक चलेगा। मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और जिला प्रशासन एवं मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मेले के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, ताकि मेले में कोई अप्रिय घटना न हो।
कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों का जायजा:
सीकर के कलेक्टर मुकुल शर्मा और अन्य प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस विभाग के साथ मिलकर मेले की पूर्व तैयारियों का निरीक्षण कर चुके हैं। मंदिर समिति के साथ मिलकर सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। मुगल शासक औरंगजेब के समय से पहले से स्थापित यह मंदिर हर साल दो बार मेले का आयोजन करता है। चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर आयोजित इन मेलों में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी निगरानी:
मेला परिसर की सुरक्षा के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है, जो मेले के दौरान चौबीस घंटे निगरानी करेंगे। इसके अलावा, दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं—एक पुलिस थाने में और दूसरा मेला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में। इन कंट्रोल रूमों के माध्यम से प्रशासन मेले की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगा।
मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए एसडीएम दांतारामगढ़, दिव्या चौधरी ने कहा है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्य करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है, ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।
शराब बिक्री और पशु बलि पर रोक:
मेले के दौरान शराब की बिक्री और पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आबकारी विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मेला क्षेत्र से तीन किलोमीटर की परिधि में शराब की बिक्री न की जाए। इसके साथ ही, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि मंदिर में मदिरा या पशु बलि का चढ़ावा नहीं हो सके। श्रद्धालुओं और मंदिर समिति की मांग पर प्रशासन ने इस बात पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है कि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियां न हों।
मेले के दौरान ग्राम पंचायत को बेरीकेटिंग के लिए एक विशेष कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, मेले में डीजे और लाउडस्पीकर के प्रयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, ताकि मेले की पवित्रता और श्रद्धा बनाए रखी जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था:
जीणमाता मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष प्रबंध किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए पानी, स्वास्थ्य सेवाओं, और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। मेला क्षेत्र के पास पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।