मनीषा शर्मा। राजस्थान में कुल 50 जिलों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नवगठित जिलों के संदर्भ में चल रहे विवाद ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों का अब रिव्यू किया जा रहा है, जिसके चलते कई जिलों का जिला दर्जा वापस लेने की चर्चा हो रही है। इससे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी कन्फ्यूज हैं कि आखिरकार राजस्थान में जिलों की वास्तविक संख्या क्या है।
नीमकाथाना में असंतोष का गुबार
इसी बीच, नीमकाथाना में असंतोष का गुबार फूट पड़ा है। नीमकाथाना जिला, जो सीकर और झुंझुनूं जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया था, को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के बयानों के बाद नीमकाथाना में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
राजनीतिक जुबानी जंग
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता नीमकाथाना जिले को बनाए रखने के पक्ष में हैं। नेताओं ने जनसभाएं आयोजित करके यह दिखाने का प्रयास किया है कि वे नीमकाथाना जिले को बनाए रखने के पक्षधर हैं। इस जुबानी जंग के चलते आम जनता में यह चर्चा हो रही है कि जब दोनों ही दलों के नेता जिले को बनाए रखने का समर्थन कर रहे हैं, तो फिर विवाद क्यों?
नीमकाथाना बचाओ संघर्ष समिति
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नीमकाथाना में एक किसान संघर्ष समिति का गठन किया है। सभा में नीमकाथाना से कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी, उदयपुरवाटी से विधायक भगवानाराम सैनी, और खेतड़ी से विधायक मनीषा गुर्जर सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। इस सभा में पूर्व आईएएस केएल मीणा के नेतृत्व में “नीमकाथाना बचाओ संघर्ष समिति” का गठन किया गया है, जो सरकार और रिव्यू कमेटी के सामने नीमकाथाना जिले को यथावत रखने का पक्ष रखेगी।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
सभा में मौजूद नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर नीमकाथाना जिले का दर्जा हटाया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि जब नीमकाथाना जिला सभी मापदंडों को पूरा करता है, तो सरकार इसे क्यों रिव्यू कर रही है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और लोगों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, इसलिए जिला बनाए रखा जाना चाहिए।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
राजस्थान सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने कहा है कि “दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो नीमकाथाना जिले को हटा दे।” उन्होंने कहा कि एक बार जिला बन जाने के बाद उसे आसानी से नहीं हटाया जा सकता है। यह अफवाह केवल कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही है, और ऐसा कुछ नहीं होगा।