शोभना शर्मा। त्योहारों के सीजन से ठीक पहले, केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। सरकार ने वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (VDA) को अपडेट करते हुए न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी उन श्रमिकों के लिए की गई है जो भवन निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, वॉच एंड वार्ड, स्वीपिंग, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं। नई वेतन दरें 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगी।
इससे पहले, अंतिम संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा घोषित यह नया बदलाव देशभर के लाखों श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यह उन्हें एक बेहतर जीवन और आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा। साथ ही, दिल्ली सरकार ने भी इसी तरह का फैसला लिया है, जिससे दिल्ली के श्रमिकों को भी नए वेतन का लाभ मिलेगा।
न्यूनतम मजदूरी दरें कैसे तय होती हैं?
न्यूनतम मजदूरी दरें श्रमिकों के कौशल स्तर और भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर तय की जाती हैं। कौशल स्तरों के आधार पर श्रमिकों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल, और अत्यधिक कुशल। इसके अलावा, भौगोलिक दृष्टि से श्रमिकों को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: ए, बी और सी।
संशोधित वेतन दरें
संशोधन के बाद, श्रमिकों को कौशल और क्षेत्र के अनुसार निम्नलिखित वेतन मिलेगा:
- अकुशल श्रमिकों के लिए क्षेत्र ‘ए’ में न्यूनतम वेतन दर 783 रुपये प्रति दिन (20,358 रुपये प्रति माह) तय की गई है।
- अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए यह दर 868 रुपये प्रति दिन (22,568 रुपये प्रति माह) होगी।
- कुशल श्रमिकों के लिए यह बढ़कर 954 रुपये प्रति दिन (24,804 रुपये प्रति माह) हो जाएगी।
- अत्यधिक कुशल श्रमिकों और हथियारबंद वॉच एंड वार्ड के लिए 1,035 रुपये प्रति दिन (26,910 रुपये प्रति माह) की दर तय की गई है।
साल में दो बार संशोधित होती हैं मजदूरी दरें
सरकार औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (VDA) में साल में दो बार संशोधन करती है। यह संशोधन हर साल 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को किया जाता है, ताकि श्रमिकों की आमदनी महंगाई के साथ तालमेल बनाए रख सके।
सेक्टर, श्रेणियों और भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दरों की विस्तृत जानकारी भारत सरकार के मुख्य श्रम आयुक्त की वेबसाइट (clc.gov.in) पर उपलब्ध है।
दिल्ली सरकार ने भी की मजदूरी में बढ़ोतरी
दिल्ली सरकार ने भी न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन में इजाफा मिलेगा। अब अकुशल श्रमिकों को 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल श्रमिकों को 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों को 21,917 रुपये प्रति माह मिलेगा।
आतिशी ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा कि यह कदम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में लिया गया है और दिल्ली में लागू यह वेतन दरें देश में सबसे अधिक हैं। स्नातक श्रमिकों के लिए संशोधित न्यूनतम वेतन 23,836 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया है। नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी।
त्योहारों से पहले केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा की गई ये घोषणाएं लाखों श्रमिकों के लिए आर्थिक मजबूती और खुशी लेकर आएंगी। बढ़ी हुई मजदूरी दरें महंगाई से निपटने में सहायक साबित होंगी और श्रमिकों को बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने में मदद करेंगी।


