मनीषा शर्मा। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सीकर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पहले बिना भ्रष्टाचार के कोई काम नहीं होता था, लेकिन अब बिचौलिए गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी ने भ्रष्टाचार को काफी हद तक खत्म कर दिया है और अब भारत तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत पहले से कहीं अधिक सशक्त, प्रगतिशील और आत्मनिर्भर बन रहा है।
धनखड़ ने कहा कि पहले की धारणा थी कि कुछ लोग कानून से ऊपर हैं और कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता था, लेकिन अब वह धारणा पूरी तरह बदल चुकी है। अब कानून सबके लिए एक समान है और कानून की शक्ति सब पर लागू होती है।
तकनीकी ने बदला परिदृश्य
उप राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि तकनीकी ने भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अब कामों में पारदर्शिता है और लोगों के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ी है। तकनीकी ने न केवल प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाया है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका को भी समाप्त कर दिया है।
‘फेलियर आंशिक सफलता है’
धनखड़ ने विद्यार्थियों और नवयुवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि असफलता से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने चंद्रयान-2 का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर चंद्रयान-2 असफल नहीं होता, तो चंद्रयान-3 की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर असफलता एक आंशिक सफलता होती है और वह सफलता की सीढ़ी का पहला कदम होती है।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी केवल सरकारी नौकरी की तरफ ध्यान दे रही है, जबकि उनके पास कई अवसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज निवेश और अवसरों के लिए दुनिया का पसंदीदा गंतव्य है, और यह केवल सरकारी नौकरियों की वजह से नहीं है।
भारत तीसरी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर
धनखड़ ने भारत की अर्थव्यवस्था और प्रगति की दिशा में उल्लेखनीय जानकारी देते हुए कहा कि वह समय उन्होंने भी देखा है जब भारत की अर्थव्यवस्था लंदन से भी छोटी थी। लेकिन अब आने वाले दो सालों में भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब रुकने वाला नहीं है, लेकिन कुछ लोग इस विकास में बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं।
उप राष्ट्रपति ने राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए कहा कि हमें राष्ट्र के प्रति पूरी तरह समर्पित रहना चाहिए और अपनी भारतीयता पर गर्व होना चाहिए। राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा धर्म है, और हमें अपने देश के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।
आपातकाल की याद दिलाई
उप राष्ट्रपति ने अपने भाषण में आपातकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने नवयुवकों से कहा कि आपातकाल का कालखंड कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों के अधिकारों को नजरअंदाज किया गया और देश को अंधकार में धकेल दिया गया। एक व्यक्ति विशेष की इच्छापूर्ति के लिए देश की आजादी और लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया गया।
धनखड़ ने कहा कि 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, और हमें यह समझना होगा कि कैसे भारत जैसे प्रजातंत्र को एक व्यक्ति के कारण नतमस्तक होना पड़ा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति ने उनके विचारों और दर्शन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच और दर्शन को गहराई से समझना चाहिए। उनके अनुसार राष्ट्रहित और देश सेवा को निजी और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखना चाहिए।
धनखड़ ने कहा कि जो लोग हमारे देश को नुकसान पहुंचाते हैं, वे हमारे हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया।
ज्ञान उद्यान का लोकार्पण और पौधारोपण
इस कार्यक्रम के अंत में उप राष्ट्रपति ने ‘ज्ञान उद्यान’ का लोकार्पण किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला और लोगों से अपील की कि वे भी इस अभियान में हिस्सा लें और अपने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए कदम उठाएं।