मनीषा शर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को शुरू किए गए मेक इन इंडिया (Make in India) अभियान ने अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह आंदोलन पिछले एक दशक से उन सभी लोगों के प्रयासों का परिणाम है जो भारत को एक विनिर्माण और नवाचार का केंद्र बनाने में लगे हुए हैं।
मेक इन इंडिया अभियान का उद्देश्य देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है। यह भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पीएम मोदी का मेक इन इंडिया पर संदेश
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मेक इन इंडिया के 10 साल पूरे होने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा, “आज हम मेक इन इंडिया के 10 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। मैं उन सभी को बधाई देता हूं जो पिछले एक दशक से इस अभियान को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेक इन इंडिया 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है, जो हमारे देश को विनिर्माण और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात कैसे बढ़ा है, क्षमताएं निर्मित हुई हैं और इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। भारत सरकार हर संभव तरीके से ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सब मिलकर आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण करेंगे।”
स्टार्टअप्स और युवाओं के लिए अवसर
मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारतीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर नए अवसर पैदा हुए हैं। हर घंटे औसतन एक स्टार्टअप खुलने की खबर यह दर्शाती है कि भारत के युवा उद्यमिता और नवाचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में भारत ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जिससे भारतीय बाजार में नए विचारों और तकनीकी विकास की लहर आई है।
स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत नवोन्मेषी विचारों को बढ़ावा मिला है और यह छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों (SMEs) के विकास में भी मददगार साबित हुई है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली
मेक इन इंडिया ने न केवल स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है, बल्कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। पिछले 10 वर्षों में निर्यात के क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस अभियान ने भारतीय कंपनियों को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने का मौका दिया है।
विनिर्माण के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय विकास हुआ है। विदेशी निवेशकों के लिए भारत एक प्रमुख गंतव्य बनकर उभरा है। इस अभियान ने ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ का नारा देते हुए भारत को ग्लोबल विनिर्माण हब बनाने का रास्ता खोला है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम
मेक इन इंडिया अभियान का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाना है। इसके तहत देश को अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा करने और विश्वभर में अपने उत्पादों की पहचान बनाने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने विनिर्माण में भारत की जबरदस्त क्षमता को उजागर किया है। आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के साथ, हमारा देश विनिर्माण में अग्रणी और निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है, जिससे हमारे युवाओं के लिए अवसरों की दुनिया बन गई है।”
मेक इन इंडिया के 10 साल: बड़ी उपलब्धियां
मेक इन इंडिया ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- उद्योग और विनिर्माण में वृद्धि: मेक इन इंडिया के तहत विभिन्न उद्योगों ने जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ हुई है।
- निर्यात में इजाफा: भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो देश की आर्थिक स्थिति को और अधिक स्थिर बनाने में मददगार रही है।
- वैश्विक मंच पर भारतीय कंपनियों की पहचान: इस अभियान के तहत भारतीय कंपनियों ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है और भारत को एक प्रमुख विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
- विदेशी निवेश में वृद्धि: मेक इन इंडिया ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है।