शोभना शर्मा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर के भवानी निकेतन परिसर में राजस्थान के पहले पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर संचालित सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया। यह स्कूल छात्रों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान देगा, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास और अनुशासन पर भी जोर देगा। राजनाथ सिंह ने उद्घाटन के दौरान इस ऐतिहासिक अवसर को गर्व का क्षण बताया और राजस्थान को वीरों की भूमि कहकर राज्य के ऐतिहासिक योगदान की सराहना की।
उन्होंने महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराजा सूरजमल और सवाई जय सिंह जैसे वीरों को याद किया और कहा कि राजस्थान की मिट्टी में वीरता और देशभक्ति का अद्वितीय स्थान है। यह सैनिक स्कूल राज्य में नए आदर्श नागरिक तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सैनिक स्कूल में होगा सर्वांगीण विकास
उद्घाटन समारोह में राजनाथ सिंह ने बताया कि सैनिक स्कूल का शैक्षिक माहौल दूसरे स्कूलों से भिन्न होता है। यहां केवल किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता, बल्कि छात्रों को जीवन के हर पहलू में अनुशासन, नैतिकता और नेतृत्व कौशल सिखाए जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैनिक स्कूलों के छात्र किसी भी क्षेत्र में जाएं, उनमें अनुशासन और नेतृत्व की झलक हमेशा दिखती है। यही कारण है कि सैनिक स्कूलों से पढ़े हुए व्यक्तित्व ने सेना, प्रशासन और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
पीपीपी मॉडल पर 100 नए सैनिक स्कूल
राजनाथ सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया है, जो पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगे। भवानी निकेतन में खोला गया यह सैनिक स्कूल राजस्थान का पहला और इस योजना के तहत देशभर में खुलने वाले स्कूलों में से एक है। उन्होंने कहा कि पहले सैनिक स्कूलों का संचालन केंद्र और राज्य के सहयोग से होता था, लेकिन अब ये नए स्कूल सार्वजनिक और निजी साझेदारी के तहत चलाए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को अनुशासित और सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करना है।
उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथियों की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण अवसर पर कई गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनमें डिप्टी सीएम दिया कुमारी और कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल थे। दिया कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें गर्व है कि वे एक सैनिक की बेटी हैं और जयपुर के भवानी निकेतन परिसर में सैनिक स्कूल का उद्घाटन एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में देशभक्ति की भावना पहले से ही मौजूद है, और इस सैनिक स्कूल के माध्यम से इसे और मजबूती मिलेगी।
जयपुर में रक्षा मंत्री की सुरक्षा में चूक
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान जयपुर में एक दिलचस्प घटना घटी। जब राजनाथ सिंह भवानी निकेतन से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे, तब एक छात्र ने सुरक्षा घेरा तोड़कर उनके पास पहुंचने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत रोका, लेकिन रक्षा मंत्री ने छात्र को पास बुलाकर उसकी बात सुनी।
छात्र हर्ष भारद्वाज, जो कि जयपुर में कक्षा 10वीं का छात्र है, ने अपनी मां के ट्रांसफर की समस्या साझा की। हर्ष की मां झालावाड़ में सरकारी टीचर हैं, और उनका ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था। रक्षा मंत्री ने उसकी समस्या सुनी और उसे भरोसा दिलाया कि उसकी बात को संबंधित विभाग तक पहुंचाया जाएगा।
जयपुर पुलिस की सफाई
इस घटना के बाद, जयपुर पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा घेरा टूटा नहीं था। छात्र हर्ष भारद्वाज एक एनसीसी कैडेट था और उसे रक्षा मंत्री ने खुद बात करने के लिए बुलाया था। पुलिस के अनुसार, सुरक्षा घेरा या प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हुआ और सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं थी।
सैनिक स्कूल के अनुशासन का महत्व
सैनिक स्कूलों की विशेषता उनके अनुशासन में है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां पढ़ने वाले छात्र न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से बल्कि नैतिक और शारीरिक रूप से भी मजबूत बनते हैं। उनका अनुशासन और देशभक्ति की भावना उन्हें देश का अच्छा नागरिक बनाती है। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्र भविष्य में किसी भी क्षेत्र में जाएं, उनके अंदर अनुशासन और नेतृत्व का गुण हमेशा दिखाई देता है।
राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का महत्व
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की वीरता और सांस्कृतिक विविधता दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भवानी निकेतन सैनिक स्कूल इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छात्रों में न केवल शैक्षिक ज्ञान बल्कि संस्कृति और नैतिकता का भी बोध कराएगा।