मनीषा शर्मा। मोहना सिंह, भारतीय वायुसेना की स्क्वॉड्रन लीडर, LCA तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं। 18 सितंबर 2024 को उन्होंने LCA तेजस को ऑपरेट करने वाली ’18 फ्लाइंग बुलेट्स’ स्क्वाड्रन में शामिल होकर इतिहास रच दिया। LCA तेजस पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसे ‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित किया गया है। मोहना की यह उपलब्धि न केवल भारतीय वायुसेना के लिए बल्कि देशभर के लिए गर्व का विषय है।
प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पापड़ा गांव में जन्मी मोहना सिंह का बचपन सेना और वायुसेना के माहौल में गुजरा। उनके नाना श्रीकिशन एक कॉमर्शियल फ्लाइट पायलट थे, जो अक्सर उन्हें आसमान की कहानियां सुनाया करते थे। यहीं से मोहना को पायलट बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने दिल्ली में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और वायुसेना में करियर बनाने का निर्णय लिया।
मोहना का परिवार पूरी तरह से सेना को समर्पित है। उनके पिता प्रताप सिंह भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड हैं, और उनकी मां मंजू देवी एक अध्यापिका थीं। मोहना के दादा, लांस नायक लादूराम, 1948 की लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए और उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। मोहना के लिए यह एक गर्व और प्रेरणा का स्रोत रहा।
करियर की शुरुआत
मोहना ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और छह महीने तक एक निजी कंपनी में नौकरी की। लेकिन वायुसेना में करियर बनाने की चाह ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह लगातार वायुसेना की प्रवेश परीक्षा देती रहीं और आखिरकार 2016 में उन्हें भारतीय वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रन में चुना गया। इसी साल मोहना के साथ अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ को भी लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए चुना गया था, और ये तीनों महिलाएं भारतीय इतिहास में पहली फाइटर पायलट बनीं।
वायुसेना में सिलेक्शन और ट्रेनिंग
जब मोहना का वायुसेना में चयन हुआ, उन्होंने अपनी मां से पूछा कि उन्हें कौन सा विभाग चुनना चाहिए। उनकी मां मंजू देवी ने उन्हें सलाह दी कि वह अपने दिल की सुनें और अपने मेंटोर से मार्गदर्शन लें। मोहना ने फाइटर पायलट बनने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी की और सभी आवश्यक परीक्षाएं पास करने के बाद LCA तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं।
तरंग शक्ति 2024 और LCA तेजस में शामिल होना
2024 में, ‘तरंग शक्ति’ एयर एक्सरसाइज के दौरान मोहना सिंह ने LCA तेजस का सफलतापूर्वक संचालन किया। यह कार्यक्रम जोधपुर में आयोजित किया गया था और इसमें भारतीय वायुसेना, थल सेना, और नौसेना के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। इस एयर एक्सरसाइज में LCA तेजस के साथ मोहना का हिस्सा लेना उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। मोहना को हाल ही में पाकिस्तान सीमा से सटे गुजरात के नलिया हवाई अड्डे पर तैनात किया गया था, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के LCA स्क्वाड्रन में अपनी सेवाएं दीं।
परिवार का सहयोग और प्रेरणा
मोहना का करियर बनाने में उनके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके पिता प्रताप सिंह ने उन्हें आर्थिक और मानसिक समर्थन प्रदान किया, जबकि उनकी मां ने उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में मार्गदर्शन किया। मोहना का कहना है कि उनके नाना, जो खुद पायलट थे, उनके करियर की सबसे बड़ी प्रेरणा रहे।
मोहना की मां मंजू देवी बताती हैं कि मोहना को बचपन से ही ब्लू यूनिफॉर्म का बहुत क्रेज था, और यही कारण है कि वह वायुसेना की ओर आकर्षित हुईं। उन्होंने बताया कि मोहना को स्कूल में यूनिफॉर्म पहने हुए महिला और पुरुष ऑफिसर्स बेहद आकर्षक लगते थे, और यह दृश्य ही उनकी प्रेरणा का स्रोत बन गया।
सेना की परंपरा में तीसरी पीढ़ी
मोहना सिंह के पिता प्रताप सिंह कहते हैं कि सेना में जाना उनके परिवार की परंपरा है। उनके पिता लांस नायक लादूराम 1948 की लड़ाई में शहीद हुए थे और उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। मोहना अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जिन्होंने सेना में अपनी सेवाएं दी हैं। प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को खुली छूट दी और उसे वही करने की सलाह दी जो वह करना चाहती थी।
इंजीनियरिंग से लेकर फाइटर पायलट तक
मोहना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वायुसेना के स्कूलों में की, और इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि उन्होंने कुछ समय के लिए एक निजी कंपनी में काम किया, लेकिन उनकी असली चाहत वायुसेना में शामिल होने की थी। अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से उन्होंने वायुसेना की एंट्रेंस परीक्षा पास की और ट्रेनिंग के बाद फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल हुईं।
आज का दिन
आज मोहना सिंह LCA तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना का गौरव बढ़ा रही हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी बड़ा सपना पूरा किया जा सकता है।
मोहना सिंह की कहानी भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन लड़कियों के लिए जो सेना में करियर बनाने का सपना देखती हैं। उनका सफर यह संदेश देता है कि यदि आपको अपने सपनों पर विश्वास है, तो आप कोई भी सीमा पार कर सकते हैं।