शोभना शर्मा। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यह बताया कि अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर आ जाएगी। यह घोषणा ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के एक इवेंट के दौरान की गई।
गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि 10 साल पहले जब उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनियों से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात कही थी, तब इसे गंभीरता से नहीं लिया गया था। आज वही कंपनियां इस मौके को गंवाने की बात कर रही हैं। उनके अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है और यह पर्यावरण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
क्या इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी मिलनी चाहिए?
गडकरी ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी देने के खिलाफ नहीं हैं, अगर वित्त मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय इसके लिए राशि आवंटित करते हैं। उन्होंने कहा कि नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी का उद्देश्य वैश्विक कंपनियों को भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है। इसके साथ ही भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण बढ़ाने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
4150 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक
नई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के तहत कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग सुविधा लगाने के लिए कम से कम 4150 करोड़ रुपये (500 मिलियन डॉलर) का निवेश करना होगा। तीन साल के भीतर उत्पादन शुरू करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, कंपनी को शुरुआत में 25 प्रतिशत डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) करना होगा, जबकि पांच साल के भीतर यह 50 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा। इससे भारतीय कंपनियों को नई तकनीक और संसाधनों के साथ तालमेल बिठाने का मौका मिलेगा।
2030 तक इलेक्ट्रिक कारों का बड़ा बाजार
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री नई कार बाजार में 15 प्रतिशत तक हो सकती है। वित्तीय वर्ष 2024 में पंजीकृत नई कारों की संख्या में 42.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे साफ है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और यह आने वाले सालों में और बढ़ेगी।
पीएलआई योजना और रोजगार के अवसर
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना का लाभ कंपनियों को मिल रहा है। इसके कारण अब तक 35,000 से ज्यादा रोजगार उत्पन्न हुए हैं। स्टोरेज टेक्नोलॉजी के लिए भी पीएलआई योजना जारी है। FAME 2 योजना के तहत 11,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को और भी बढ़ावा देगी।
FAME 3 सब्सिडी जल्द लागू होगी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सभी संभव सहायता प्रदान करेगी। FAME 2 योजना के अंतर्गत आई दिक्कतों को दूर किया जा रहा है और जल्द ही FAME 3 सब्सिडी को भी लागू किया जाएगा। यह सब्सिडी EV इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे वाहनों की लागत में कमी आएगी और अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने की ओर बढ़ेंगे।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है और इसके साथ ही देश में रोजगार और मैन्युफैक्चरिंग के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी। सरकार की ओर से मिल रही योजनाओं और सब्सिडी के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग तेजी से बढ़ेगा।


