शोभना शर्मा। अजमेर शहर में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे कई कॉलोनियां पानी में डूब गई हैं और लोगों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शहर की निचली बस्तियों के साथ ही प्रमुख मार्गों पर भी पानी भर गया है। आनासागर झील और पुष्कर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर जलभराव के कारण यातायात ठप हो गया है।
जलभराव की स्थिति और प्रशासन की तैयारी
अजमेर शहर में अब तक 793.2 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो जिले की औसत 550 एमएम से काफी अधिक है। इस भारी बारिश के चलते शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा है। फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम और बाढ़ बचाव दस्ते भी तैयार हैं।
फायसागर और आनासागर झीलों से पानी की निकासी लगातार जारी है। जिला कलेक्टर लोकबंधु ने अधिकारियों के साथ शहर का जायजा लिया और राहत कार्यों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उनके साथ नगर निगम आयुक्त देशल दान, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार, अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेंद्र सिंह राठौड़, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
स्कूलों में अवकाश की घोषणा
मौसम विभाग की भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी के मद्देनजर, जिला मजिस्ट्रेट लोकबंधु ने 9 सितम्बर को अजमेर जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह अवकाश केवल विद्यार्थियों के लिए होगा, जबकि शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को अपनी ड्यूटी निभानी होगी। आदेशों का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन नियम-2005 के तहत संबंधित पर कार्यवाही की जाएगी।
क्यों होती हैं सड़कों पर जलभराव की समस्याएं?
पानी निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था: नाले और नालियों की संरचना सही तरीके से नहीं है। इनके लेवल में गड़बड़ी होने के कारण जलभराव हो जाता है।
पानी का अत्यधिक प्रवाह: बारिश का पानी तेजी से बहता है, लेकिन नालियों की चौड़ाई उतनी नहीं होती कि पानी को समाहित कर सके।
नालियों की सफाई न होना: गंदगी और कचरे से नाले अटे रहते हैं, जिसके कारण पानी रुक जाता है और सड़कों पर जलभराव हो जाता है।
अतिक्रमण: नालियों और सड़कों पर अतिक्रमण की वजह से पानी की सही निकासी नहीं हो पाती।
सीवरेज लाइन का अधूरा काम: सीवरेज लाइन का काम कई जगहों पर अधूरा है, जिससे नालियों का पानी रुक जाता है और सड़कों पर फैल जाता है।


