शोभना शर्मा। हरियाणा के प्रसिद्ध गायक कन्हैया मित्तल, जिन्होंने “जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे” गाने से प्रसिद्धि हासिल की, जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। इस घोषणा से हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है। कन्हैया मित्तल ने मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन के बाद यह ऐलान किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की तारीख और चुनाव लड़ने की योजनाओं को अभी स्पष्ट नहीं किया है।
भाजपा से कोई मतभेद नहीं
कन्हैया मित्तल का नाम भाजपा के साथ भी जुड़ा रहा है, विशेषकर उनके राम भजन की वजह से, जिसे भाजपा ने अपने थीम सॉन्ग के रूप में इस्तेमाल किया था। इसके बावजूद, मित्तल ने साफ किया कि उनकी भाजपा से कोई व्यक्तिगत नजदीकी नहीं रही है। उन्होंने कहा, “अगर मैं चाहता, तो भाजपा से टिकट आसानी से ले सकता था, लेकिन मेरा उनसे कोई मतभेद नहीं है।” मित्तल ने यह भी कहा कि भाजपा के कई नेता उनके दोस्त हैं, और वह उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
कांग्रेस में कन्हैया मित्तल की एंट्री
कन्हैया मित्तल के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले ने राज्य की सियासी फिजाओं में बड़ा बदलाव ला दिया है। सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए मित्तल ने कहा कि “सनातन किसी एक पार्टी का नहीं है, इसे किसी राजनीतिक दल की सीमाओं में नहीं बाँधा जा सकता।” उन्होंने आगे कहा कि वे कांग्रेस में रहकर भी सनातन धर्म और भगवान राम के प्रति अपना सम्मान बनाए रखेंगे और इसे बढ़ावा देंगे। उनके इस बयान ने न सिर्फ भाजपा के समर्थकों को चौंका दिया, बल्कि कांग्रेस में भी एक नए सिरे से राजनीति की संभावना पैदा की है।
राम भजन से मिली प्रसिद्धि
कन्हैया मित्तल की पहचान उनके लोकप्रिय राम भजन “जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे” से हुई थी, जिसे भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया था। इस गाने ने भाजपा के समर्थकों के बीच बड़ी लोकप्रियता हासिल की थी। हालांकि, मित्तल ने स्पष्ट किया है कि उनके गाने को भाजपा द्वारा इस्तेमाल करने से उनकी किसी पार्टी के प्रति व्यक्तिगत निष्ठा नहीं जुड़ी हुई थी। वह हमेशा से सनातन धर्म के अनुयायी रहे हैं और भगवान राम के प्रति उनकी आस्था अडिग है।
राजनीतिक हलचल और संभावनाएँ
कन्हैया मित्तल के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले से हरियाणा की राजनीति में नई संभावनाएँ खुल गई हैं। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उनके इस कदम को राजनीतिक विश्लेषक महत्वपूर्ण मान रहे हैं। मित्तल का नाम हरियाणा की जनता के बीच बेहद लोकप्रिय है, और उनके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिल सकती है। यह भी देखा जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें आगामी चुनावों में उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार सकती है या फिर उन्हें पार्टी में किसी महत्वपूर्ण पद पर बिठा सकती है।
क्या मित्तल चुनाव लड़ेंगे?
यह सवाल अभी खुला है कि कन्हैया मित्तल आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर लड़ेंगे या नहीं। मित्तल ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। लेकिन यह जरूर संकेत दिया है कि वह कांग्रेस में शामिल होकर राज्य और देश के लिए काम करने के इच्छुक हैं। अगर कांग्रेस उन्हें किसी महत्वपूर्ण पद या चुनावी टिकट देती है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि मित्तल की लोकप्रियता और उनके राम भजन की पहचान से भाजपा को पहले फायदा हुआ था।
भाजपा का जवाब
कन्हैया मित्तल के इस कदम पर भाजपा ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। मित्तल का कांग्रेस में शामिल होना, भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में चुनौतियाँ खड़ी कर सकता है, खासकर हरियाणा जैसे राज्य में जहाँ धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दे चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।