मनीषा शर्मा। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को एक बड़ी घोषणा की, जिसमें मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत प्रदेशवासियों को नई सुविधाएं प्रदान करने की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि आने वाले चार महीने बाद प्रदेश के नागरिक अन्य राज्यों में भी इलाज करा सकेंगे, जिससे उन्हें इलाज के अधिक विकल्प मिलेंगे। वहीं, एक महीने बाद अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान के अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में बड़ा बदलाव:
चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य मरीजों को अधिक विकल्प देना है ताकि वे अपने पसंदीदा डॉक्टर या अस्पताल में इलाज करवा सकें। इस नई सुविधा के तहत राजस्थान के नागरिक किसी भी राज्य में इलाज करा सकेंगे, और इसके लिए राज्य सरकार इंश्योरेंस कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इस योजना का विस्तार निश्चित रूप से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा कदम साबित होगा।
चिकित्सा विभाग में 50 हजार पदों पर भर्तियां:
चिकित्सा मंत्री ने चिकित्सा विभाग में होने वाली भर्तियों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि विभाग में कुल 55 हजार पद रिक्त हैं, जिनमें से 50 हजार पदों पर भर्तियां नवंबर-दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। शेष 5000 पदों की भर्तियां पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। सरकार रिक्त पदों को भरने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पदों के आपसी ट्रांसफर की सुविधा:
खींवसर ने यह भी बताया कि कर्मचारियों को आपसी सहमति से स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी। यदि कोई कर्मचारी भरतपुर से जैसलमेर जाना चाहता है, तो वह अपने सहयोगी से स्थान बदल सकता है। इसके अलावा, कैटेगरी वाइज जोन भी निर्धारित किए गए हैं, जिसमें एक पोस्ट पर एक ही कर्मचारी को काम करना होगा।
उम्मेद हॉस्पिटल का दौरा और रेप पीड़िता से मुलाकात:
चिकित्सा मंत्री ने जोधपुर में उम्मेद हॉस्पिटल का दौरा किया और चिकित्सा सुविधाओं और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान वे ढाई साल की रेप पीड़िता मासूम से भी मिले और उसकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आरोपी द्वारा किया गया कृत्य अत्यंत घृणास्पद है और समाज में पोर्नोग्राफी साइट्स के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई। उन्होंने चिकित्सा विभाग के एसीएस को निर्देशित किया कि सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और विशेष रूप से ब्लैक स्पॉट्स की निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि पीएचसी स्तर तक यह काम होना चाहिए ताकि पूरे अस्पताल की मॉनिटरिंग की जा सके।
एसएन मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बदलने पर प्रतिक्रिया:
चिकित्सा मंत्री ने जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बदलने के मामले पर प्रतिक्रिया दी और इसे वर्किंग अरेंजमेंट का हिस्सा बताया। उन्होंने इस बदलाव को अस्थायी बताया, लेकिन इसके कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बता दें कि पिछले एक माह में एसएन मेडिकल कॉलेज में 4 प्रिंसिपल बदले जा चुके हैं।
इस घोषणा के साथ, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का विस्तार और चिकित्सा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्तियां राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएंगी। यह पहल राज्य के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।