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लॉन्च हुआ UPI Delegated Payment फीचर

लॉन्च हुआ UPI Delegated Payment फीचर

मनीषा शर्मा। भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, और इन्हीं बदलावों को और अधिक सरल और सुरक्षित बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बुधवार को दो नए फीचर्स—UPI Delegated Payment और Bharat Bill Pay for Business—लॉन्च किए हैं। ये फीचर्स न केवल UPI ट्रांजैक्शन को अधिक सुविधाजनक बनाएंगे, बल्कि देश के व्यापारिक समुदाय को भी सशक्त करेंगे।

UPI Delegated Payment: एक नया और सुरक्षित तरीका:

UPI Delegated Payment फीचर कस्टमर्स के लिए UPI ट्रांजैक्शन को और आसान बनाने के उद्देश्य से पेश किया गया है। इस फीचर की मदद से यूजर्स अपने प्रियजनों को UPI सर्किल में जोड़ सकते हैं और उन्हें पेमेंट करने के अधिकार सौंप सकते हैं।

इस फीचर के तहत, यूजर्स फुल या पार्टियल डेलिगेशन कर सकते हैं। फुल डेलिगेशन में, सेकेंडरी यूजर को किसी भी पेमेंट के समय प्राइमरी यूजर के ऑथराइजेशन की जरूरत नहीं होगी, जिससे ट्रांजैक्शन तेजी से और बिना रुकावट के हो सकेगा। दूसरी ओर, पार्टियल डेलीगेशन में, हर पेमेंट पर सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी यूजर के सिक्योरिटी पिन की जरूरत होगी।

यह फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, जो अपने परिवार या दोस्तों को पेमेंट करने का अधिकार सौंपना चाहते हैं, लेकिन किसी विशेष नियंत्रण को बनाए रखना चाहते हैं।

Bharat Bill Pay for Business: व्यापारियों के लिए नई सुविधा:

व्यापारियों के बीच भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए NPCI ने Bharat Bill Pay for Business फीचर भी लॉन्च किया है। यह फीचर B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) लेनदेन को सशक्त बनाएगा और व्यापारिक संस्थाओं के बीच बिलिंग प्रक्रियाओं को अधिक सुचारु और सुरक्षित करेगा।

Bharat Bill Pay for Business में हर व्यवसाय का एक यूनिक B2B ID होगा, जिसमें उस व्यवसाय की सभी जरूरी डिटेल्स होंगी। यह ID किसी भी बिजनेस प्लेटफॉर्म पर डालने से उस व्यवसाय की सभी डिटेल्स फेच हो जाएंगी, जिससे बिल भेजने और भुगतान करने की प्रक्रिया को आसान और त्वरित बनाया जा सकेगा। इस प्रणाली के जरिये Invoice Reconciliation का झंझट भी खत्म हो जाएगा, जिससे व्यापारिक लेन-देन की प्रक्रियाएं और भी पारदर्शी हो जाएंगी।

UPI ट्रांजैक्शन में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीद:

UPI ने पिछले कुछ वर्षों में अद्वितीय वृद्धि दर्ज की है, और यह वृद्धि आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2028-29 तक UPI ट्रांजैक्शन 439 अरब तक पहुंचने की संभावना है, जो पिछले वित्त वर्ष के लगभग 131 अरब से अधिक होगी। इस तरह, UPI का कुल खुदरा डिजिटल भुगतान में 91 प्रतिशत हिस्सा होगा।

पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल भुगतान की मात्रा 2023-24 के 159 अरब से बढ़कर 2028-29 तक 481 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, मूल्य के संदर्भ में, भुगतान लेनदेन बाजार की वृद्धि दोगुनी होने की संभावना है, जो इस अवधि में 265 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 593 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि UPI ने साल-दर-साल 57 प्रतिशत की लेन-देन मात्रा के साथ अपनी उल्लेखनीय वृद्धि जारी रखी है, जो इसे भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में सबसे प्रमुख प्लेटफॉर्म बनाता है।

NPCI द्वारा लॉन्च किए गए UPI Delegated Payment और Bharat Bill Pay for Business फीचर्स ने भारतीय डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यापारियों के लिए लाभकारी बना दिया है। साथ ही, UPI ट्रांजैक्शन में आने वाले वर्षों में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीद है, जो भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य को और भी उज्जवल बनाएगी।

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