मनीषा शर्मा । जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने राज्य में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, गांधी परिवार पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की पार्टी में वापसी चाहता है, जिसके लिए सीनियर नेताओं को बातचीत का जिम्मा सौंपा गया है। आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व को पार्टी के पतन का कारण बताया था।
इसके साथ ही, कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी के साथ गठबंधन करने की कोशिशों में भी जुटी है, ताकि भाजपा को राज्य में हराया जा सके। पार्टी महासचिव गुलाम अहमद मीर ने गठबंधन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखा जाना चाहिए।
दूसरी ओर, भाजपा भी जम्मू-कश्मीर की रीजनल पार्टियों और निर्दलीय नेताओं को अपने साथ लाने की कोशिशें कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष चौधरी जुल्फकार अली से मुलाकात की, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस ने 16 अगस्त को तारिक हामिद कर्रा को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया, जबकि राज्य में तीन फेज में 18 सितंबर से वोटिंग शुरू होगी। इस चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में नई सरकार का कार्यकाल 6 साल के बजाय 5 साल का होगा।