मनीषा शर्मा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबको पक्का मकान उपलब्ध कराने के विजन को साकार करने की दिशा में राजस्थान सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 9,763 नए आवासों को मंजूरी दी है। यह मंजूरी केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत दी गई है। इस निर्णय से हजारों गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए पक्के मकान का सपना जल्द ही साकार होगा।
244.07 करोड़ रुपए की सब्सिडी
शुक्रवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय सैंक्शनिंग एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एसएलएसएमसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में तय हुआ कि इन आवासों के लिए प्रत्येक पात्र लाभार्थी को 2.50 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा।
इस अनुदान में से 1.50 लाख रुपए केंद्र सरकार और 1 लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। इस निर्णय से कुल मिलाकर 244.07 करोड़ रुपए की सब्सिडी पात्र परिवारों को उपलब्ध कराई जाएगी।
अंतिम स्वीकृति 17 सितंबर को
इन नए आवासों की अंतिम स्वीकृति केंद्र सरकार की 17 सितंबर 2025 को होने वाली केंद्रीय सैंक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी (सीएसएमसी) की बैठक में दी जाएगी। एक बार मंजूरी मिल जाने के बाद पात्र लाभार्थियों को आवास निर्माण का रास्ता खुल जाएगा।
गरीबों को मिलेगा पक्का मकान
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के परिवारों को सुरक्षित और पक्का मकान उपलब्ध कराना है। राजस्थान सरकार ने इस दिशा में लगातार काम किया है और अब इन 9,763 नए आवासों की मंजूरी से बड़ी संख्या में गरीब परिवार लाभान्वित होंगे।
इस योजना से न केवल शहरी गरीबों के जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि उन्हें गरिमामय और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग डॉ. देबाशीष पृष्टि, शासन सचिव वित्त (व्यय) विभाग नवीन जैन और शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग रवि जैन शामिल रहे। इसके अलावा अन्य संबंधित अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
सामाजिक और आर्थिक महत्व
राजस्थान सरकार का यह कदम सिर्फ गरीब परिवारों को मकान उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक महत्व भी है।
इन आवासों के निर्माण से निर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा।
शहरी गरीबों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले परिवार सुरक्षित और स्वच्छ माहौल में रह पाएंगे।
महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से लाभ होगा, क्योंकि पक्के मकान उन्हें सुरक्षा और स्थिरता देंगे।
केंद्र और राज्य की साझा पहल
इस योजना में केंद्र और राज्य दोनों का बराबर योगदान है। जहां केंद्र सरकार 1.50 लाख रुपए की सहायता दे रही है, वहीं राज्य सरकार ने प्रत्येक लाभार्थी के लिए 1 लाख रुपए देने का निर्णय लिया है। यह साझेदारी प्रधानमंत्री मोदी के “सहयोग और सबका साथ” के सिद्धांत को दर्शाती है।