मनीषा शर्मा। अजमेर में प्रस्तावित बालिका सैनिक स्कूल की जमीन पर वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जों के खिलाफ आज बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की गई। यह जमीन सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन बीते कई वर्षों में यहां बड़े पैमाने पर अस्थायी और पक्के निर्माण खड़े कर दिए गए थे। प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि बाहरी लोगों ने जमीन पर कब्जा कर मजदूरों को बसाया हुआ है, जो आसपास की कोयला भट्ठियों और ईंट भट्टों में काम करते थे।
करीब 75 बीघा सरकारी भूमि पर फैले इस अवैध कब्जे ने न केवल प्रस्तावित परियोजना को प्रभावित किया बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया। इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से व्यापक कार्रवाई की।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध निर्माण ढहाए
सुबह वन विभाग की टीम पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंची। टीम ने पहले सभी अतिक्रमणकारियों को हटने के निर्देश दिए और फिर बुलडोजर की मदद से अवैध संरचनाओं को ढहाने की प्रक्रिया शुरू की। कई मजदूरों ने स्वयं अपना सामान हटाया, जबकि कुछ को पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया।
यह क्षेत्र पूरी तरह से एक बस्ती के रूप में विकसित कर लिया गया था। यहां झोपड़ियाँ, पक्के कमरे, चबूतरे, दीवारें और लोहे की बाड़ तक बनाई गई थी, जिससे ऐसा प्रतीत होता था कि यह निजी भूमि हो। प्रशासन के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक थी, क्योंकि सरकारी भूमि पर इस तरह कब्जा करना सीधे नियमों का उल्लंघन है।
अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त अनिल ने बताया कि अतिक्रमणकारियों ने न केवल जमीन घेर ली थी, बल्कि उसे चारों ओर से तार, जाल और कटीली बाड़ से सुरक्षित करते हुए अपनी संपत्ति की तरह उपयोग कर रहे थे। कई कमरे पूरी तरह से पक्के निर्माण के साथ लंबे समय से इस्तेमाल किए जा रहे थे।
सरकारी जमीन पर अवैध भट्ठियाँ और वाणिज्यिक गतिविधियाँ
जांच में यह भी सामने आया कि कब्जाधारियों ने जमीन पर कोयले की अवैध भट्ठियाँ और ईंट पकाने की भट्टियाँ चला रखी थीं। इन गतिविधियों से न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा था, बल्कि यह सरकारी भूमि के दुरुपयोग का गंभीर मामला भी था।
वन विभाग ने बुलडोजर की सहायता से इन सभी भट्टियों और उनसे जुड़े ढाँचों को भी ध्वस्त किया। अवैध कोयला भट्ठियों को हटाना एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि ये न केवल प्रदूषण का बड़ा स्रोत थीं, बल्कि अवैध व्यापारिक लाभ उठाने का साधन भी।
राजस्थान में बालिका सैन्य स्कूलों का नेटवर्क विकसित हो रहा
राजस्थान सरकार बालिकाओं के सैन्य शिक्षा में प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए पूरे राज्य में 8 बालिका सैन्य विद्यालय स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इसी वर्ष जुलाई में बीकानेर में राज्य का पहला बालिका सैनिक स्कूल खोला गया था।
बीकानेर के बाद सरकार ने कोटा, जैसलमेर, अजमेर, भरतपुर, अलवर, जयपुर और उदयपुर में भी ऐसे विद्यालय खोलने की घोषणा की है। अजमेर में प्रस्तावित यह स्कूल शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसके लिए आवंटित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना सरकार की प्राथमिकता बन चुकी थी।
कार्रवाई पूरी होने के बाद खुलेगा निर्माण का रास्ता
अतिक्रमण हटाने के बाद अब प्रशासन इस जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा ताकि भविष्य में फिर से कब्जा न हो सके। साथ ही बालिका सैनिक विद्यालय के निर्माण की दिशा में आगे की प्रक्रियाएँ भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।


