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राजस्थान में शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल की रोक

राजस्थान में शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल की रोक

मनीषा शर्मा। राजस्थान में पिछले सात साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगी हुई है, जबकि वरिष्ठ अध्यापकों, व्याख्याताओं और प्रिंसिपलों के तबादलों पर भी दो साल से प्रतिबंध है। यह स्थिति राज्य के सबसे बड़े शिक्षा विभाग में निरंतर विवाद का विषय बनी हुई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रियाओं और अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के चलते तबादलों में देरी हुई। अब बोर्ड परीक्षाओं के बाद, 15 मार्च 2024 के बाद, मुख्यमंत्री से चर्चा कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

तबादलों में देरी के कारण और समाधान

मदन दिलावर ने बालोतरा दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 2023 में लोकसभा, विधानसभा, और उपचुनावों की वजह से तबादलों का फैसला आगे बढ़ा। इसके बाद अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं ने भी शिक्षकों के तबादले रोकने में भूमिका निभाई। अब बोर्ड परीक्षाओं के दौरान तबादले करना उचित नहीं समझा गया।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को समझते हुए मार्च 2024 के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर ट्रांसफर पॉलिसी पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।

तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नाराजगी

तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल से प्रतिबंध ने इस वर्ग में आक्रोश बढ़ा दिया है। 2021 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने तबादलों के लिए आवेदन मंगवाए थे, जिनमें 85,000 आवेदन प्राप्त हुए। लेकिन, इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद बीडी कल्ला ने 2022 में व्याख्याताओं और वरिष्ठ अध्यापकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन 2023 में इस पर फिर से रोक लग गई।

डीपीसी प्रक्रिया और कर्मचारियों के अधिकार

मदन दिलावर ने पंचायती राज विभाग में डीपीसी (विभागीय प्रोन्नति समिति) प्रक्रिया को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए डीपीसी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। शिक्षा विभाग में भी लंबित डीपीसी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।

तबादला नीति का अभाव

राजस्थान में तबादला नीति का अभाव शिक्षकों और शिक्षा विभाग के लिए बड़ा मुद्दा बना हुआ है। चाहे कांग्रेस सरकार हो या भाजपा, दोनों ने तबादला नीति बनाने की बात की, लेकिन यह केवल वादों तक सीमित रही। मंत्री दिलावर ने भी नीति बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कांग्रेस पर निशाना

मंत्री दिलावर ने कांग्रेस सरकार की शिक्षा नीति पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के बच्चों को अनपढ़ रखने की साजिश रची। कांग्रेस ने न तो नए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले, न ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के ठोस प्रयास किए। उन्होंने कांग्रेस पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार छात्राओं की दुश्मन साबित हुई है।

शिक्षा विभाग में खाली पदों की स्थिति

राजस्थान शिक्षा विभाग में कुल पद: 5,67,668
भरे हुए पद: 4,18,549
प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षक: 1,72,641
माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक: 1,97,632
ग्रेड थर्ड शिक्षक: 1,85,030

शिक्षकों की नाराजगी और समाधान की उम्मीद

तबादलों पर लंबे समय से रोक के कारण शिक्षकों के भीतर गहरा असंतोष है। शिक्षकों के संगठनों ने भी तबादलों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। चुनावी प्रक्रिया और विभागीय अड़चनों के बावजूद, शिक्षा मंत्री ने इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए समाधान का वादा किया है।

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