शोभना शर्मा। राजस्थान के बीसलपुर बांध ने वर्ष 2025 में इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय दर्ज किया है। कभी पानी की कमी के कारण सूखा बांध कहलाने वाला बीसलपुर आज 132 दिनों से लगातार ओवरफ्लो है और इस दौरान जल निकासी का सिलसिला बिना रुके जारी है। बांध की कुल क्षमता 38.8 टीएमसी है और यह जयपुर, अजमेर, टोंक सहित लाखों लोगों की लाइफलाइन माना जाता है। इस वर्ष पानी की उपलब्धता और निकासी को लेकर कई ऐसे रिकॉर्ड बने जो पिछले 22 वर्षों में कभी नहीं बने थे।
140 टीएमसी पानी छोड़ा गया, बने 7 नए रिकॉर्ड
बीसलपुर बांध से इस वर्ष करीब 140 टीएमसी पानी छोड़ा गया जो अपनी तरह का नया रिकॉर्ड है। प्रशासन के अनुसार अब तक संग्रहित पानी की मात्रा इतनी अधिक है कि इससे बीसलपुर जैसे तीन बांध पूरे और एक बांध आधा भरा जा सकता है। साथ ही ईसरदा बांध जैसे 14 बांध पानी से भर सकने की क्षमता इस वर्ष के संग्रह के बाद दिखाई दी। यह स्थितियाँ इस दावे को और मजबूत करती हैं कि 2025 बीसलपुर बांध के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण वर्ष है।
दिसंबर में भी खुले गेट, निकासी जारी
बांध प्राधिकरण के अनुसार 24 जुलाई को बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई थी और यह सिलसिला आज भी जारी है। दिसंबर माह में भी गेट खोलने की जरूरत पड़ी, क्योंकि आवक लगातार बनी रही। सामान्य वर्षों में दिसंबर तक गेट बंद हो जाते हैं, परंतु इस वर्ष पानी का दबाव और मात्रा दोनों ही अभूतपूर्व रहीं।
किसानों का आरोप—नहरों में पानी अभी तक नहीं छोड़ा
ओवरफ्लो और भारी जल भंडारण के बीच टोंक जिले के किसान असंतोष भी जता रहे हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में पानी होने के बावजूद नहरों में अब तक पानी जारी नहीं किया गया, जबकि खेतों को सिंचाई की सबसे अधिक जरूरत इसी समय होती है। किसानों का कहना है कि यदि बांध ओवरफ्लो कर रहा है तो नहरों तक पानी पहुंचाना न्यायसंगत और आवश्यक है।
पिछले वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड निकासी
आंकड़ों के अनुसार यह वर्ष जल निकासी के मामले में भी सबसे आगे रहा। 2006 में 43.25 टीएमसी, 2014 में 11.202 टीएमसी, 2016 में 134.238 टीएमसी, 2019 में 93.605 टीएमसी, 2022 में 13.246 टीएमसी, 2024 में 31.433 टीएमसी पानी निकाला गया था। इसके मुकाबले 2025 में 135 टीएमसी से भी अधिक पानी बनास नदी में छोड़ा गया।


