शोभना शर्मा। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम से लौटते समय एक दर्दनाक हादसा रविवार सुबह 5:20 बजे घटित हुआ, जब गौरीकुंड के पास एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें जयपुर (राजस्थान) के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान भी शामिल हैं। हादसे के बाद चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। यह हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था और केदारनाथ मंदिर से श्रद्धालुओं को लेकर गौरीकुंड लौट रहा था। शुरूआती जानकारी के अनुसार, खराब मौसम और कम विजिबिलिटी इस दुर्घटना की प्रमुख वजह मानी जा रही है।
हादसे का विवरण और बचाव कार्य
उत्तराखंड पुलिस के अनुसार, क्रैश स्थल गौरीकुंड के निकट जंगलों में स्थित है। NDRF और SDRF की टीमों को तत्काल राहत व बचाव कार्य के लिए रवाना किया गया। IG गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप ने बताया कि शव बुरी तरह से जल चुके हैं, जिससे पहचान मुश्किल हो रही है। मृतकों की पहचान DNA जांच के माध्यम से की जाएगी और फिर शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
मारे गए श्रद्धालुओं की सूची
पायलट राजवीर सिंह चौहान (जयपुर, राजस्थान)
विक्रम सिंह रावत (ऊखीमठ, उत्तराखंड)
विनोद देवी (उत्तर प्रदेश)
तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश)
राजकुमार सुरेश (गुजरात)
श्रद्धा जायसवाल (महाराष्ट्र)
काशी (महाराष्ट्र, 2 वर्ष की बच्ची)
सभी श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर वापसी कर रहे थे।
पायलट राजवीर सिंह चौहान: सम्मानित सैनिक और कुशल पायलट
हेलिकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान राजस्थान की राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर के निवासी थे। उन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर 14 वर्ष तक सेवा दी थी। सेवानिवृत्ति के बाद वे नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े और अक्टूबर 2024 में आर्यन एविएशन कंपनी में शामिल हुए। राजवीर सिंह को 2000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव था और वे एयरफोर्स में कैप्टन रह चुके थे। हाल ही में वे जुड़वां बच्चों के पिता बने थे, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल था। हादसे के दिन उन्होंने उड़ान से पहले अन्य पायलटों से धुंध और मौसम खराब होने की बात साझा की थी और वापस लौटने की सलाह भी दी थी, लेकिन कुछ ही देर बाद संपर्क टूट गया।
सुरक्षा और तकनीकी सवाल
इस हादसे के बाद चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अब से हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।
इनमें शामिल होंगे:
उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य
हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच
अनुभवयुक्त और प्रशिक्षित पायलटों की तैनाती
पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह कोई पहली घटना नहीं है।
7 जून 2024 को रुद्रप्रयाग में एक हेलिकॉप्टर की सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी।
उत्तरकाशी के गंगनानी क्षेत्र में भी एक बेल हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी।
इन हादसों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चारधाम जैसे दुर्गम इलाकों में हेलिकॉप्टर सेवाएं संचालन से पहले व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्रियों और नेताओं ने जताया दुख
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से पायलट व अन्य श्रद्धालुओं की मृत्यु अत्यंत दुःखद है। बाबा केदार दिवंगत आत्माओं को श्रीचरणों में स्थान दें।” पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर संवेदना प्रकट की, “जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह समेत 7 लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। परिजनों को ईश्वर यह आघात सहने की शक्ति दें।” राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजस्थान सरकार में मंत्री, ने लिखा, “पायलट राजवीर सिंह चौहान जी का असमय निधन पीड़ादायक है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”
DGCA और केंद्र सरकार की जांच शुरू
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौसम खराब और विजिबिलिटी कम को प्राथमिक कारण बताया गया है, लेकिन तकनीकी खराबी की भी जांच की जा रही है।