शोभना शर्मा। आर्थिक सुरक्षा किसी भी व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन अक्सर लोग इमरजेंसी फंड को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब अचानक कोई वित्तीय संकट आ जाता है, तो उन्हें सेविंग्स तोड़नी पड़ती है या फिर उधार लेने की नौबत आती है। लेकिन अगर आप अपनी कमाई पर केवल दो साल के लिए 67:33 फॉर्मूला अपनाते हैं, तो भविष्य में किसी भी आर्थिक संकट का सामना आसानी से कर सकते हैं।
क्या है 67:33 फॉर्मूला?
इस फॉर्मूले के तहत आपको अपनी कमाई के दो हिस्से करने होते हैं:
- 33% बचत और निवेश के लिए
- 67% खर्च के लिए
मान लीजिए आपकी मासिक आय 50,000 रुपये है, तो आपको इसमें से 16,500 रुपये बचत और निवेश के लिए निकालने होंगे। बाकी 33,500 रुपये आप अपनी जरूरतों और खर्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यह 33% बचत इमरजेंसी फंड के रूप में जमा की जाएगी, जो आपको किसी भी आर्थिक संकट में सुरक्षित रखेगी।
कितना होना चाहिए इमरजेंसी फंड?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट दीप्ति भार्गव के अनुसार, इमरजेंसी फंड कम से कम एक साल के खर्च के बराबर होना चाहिए। अगर आपके घर का मासिक खर्च 33,000 रुपये है, तो आपके पास 4 लाख रुपये का इमरजेंसी फंड होना चाहिए। यह फंड आपको अनिश्चित समय में वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगा।
कैसे 2 साल में तैयार होगा इमरजेंसी फंड?
अगर आपकी मासिक सैलरी 50,000 रुपये है और आप 16,500 रुपये हर महीने बचाते हैं, तो दो साल में आपकी बचत 3,96,000 रुपये हो जाएगी। यदि आप इस बचत को SIP या RD जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपकी बचत और भी बढ़ सकती है।
उदाहरण के लिए:
- SIP निवेश: अगर आप हर महीने 16,500 रुपये SIP में निवेश करते हैं और औसतन 12% का रिटर्न मिलता है, तो आपको 2 साल में 53,513 रुपये ब्याज के रूप में मिल सकते हैं। इस प्रकार, आपकी कुल राशि 4,49,513 रुपये हो जाएगी।
- RD निवेश: यदि आप इस रकम को SBI RD योजना में निवेश करते हैं, जहां 6.8% ब्याज मिलता है, तो आपको 2 साल में 29,135 रुपये का ब्याज मिलेगा। इस तरह से आपकी कुल राशि 4,25,135 रुपये हो जाएगी।
2 साल से पहले फंड तैयार करने के तरीके
अगर आप अपने इमरजेंसी फंड को तेजी से बनाना चाहते हैं, तो कुछ और टिप्स अपना सकते हैं:
- इंसेंटिव और बोनस का सही इस्तेमाल: नौकरी के दौरान मिलने वाले इंसेंटिव या बोनस को खर्च करने के बजाय इसे इमरजेंसी फंड में जोड़ें।
- फोकस्ड सेविंग्स: शुरुआत के वर्षों में जितना हो सके, बचत पर ध्यान दें। अगर आपकी आय बढ़ती है, तो सेविंग्स का प्रतिशत भी बढ़ाएं।
- अनावश्यक खर्चों से बचें: फिजूलखर्ची से बचें और बचाए गए पैसों को इमरजेंसी फंड में निवेश करें।
इमरजेंसी फंड न केवल आपको आर्थिक मुश्किलों से बचाने में मदद करता है, बल्कि यह आपको मानसिक शांति भी प्रदान करता है। 67:33 फॉर्मूला अपनाकर आप सिर्फ दो साल में एक मजबूत इमरजेंसी फंड तैयार कर सकते हैं। इस फॉर्मूले से आप अपनी सेविंग्स को बिना छुए और किसी से उधार लिए बिना किसी भी संकट से निपट सकते हैं।