शोभना शर्मा। राजस्थान में दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के करीब 6 लाख कर्मचारियों को तदर्थ बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव वित्त मंत्री दिया कुमारी द्वारा पेश किया गया था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है। इससे राज्य सरकार पर लगभग 406 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।
सरकार के इस फैसले से 4800 पे स्केल से नीचे आने वाले कर्मचारी लाभान्वित होंगे। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत लेकर आया है, बल्कि त्योहार के मौसम में परिवारों के लिए खुशी का कारण भी बना है।
वित्त विभाग ने आदेश जारी किए, आज से शुरू हुआ भुगतान
वित्त विभाग ने तदर्थ बोनस के भुगतान से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार, बोनस का भुगतान मंगलवार से शुरू हो गया है। तदर्थ बोनस की गणना 31 दिन के महीने के आधार पर की जाएगी, जिसमें अधिकतम 7000 रुपए वेतन को आधार मानकर भुगतान किया जाएगा।
प्रत्येक कर्मचारी को 30 दिन की अवधि के लिए अधिकतम 6774 रुपए तदर्थ बोनस दिया जाएगा। इस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा नकद रूप में दिया जाएगा, जबकि शेष 25 प्रतिशत कर्मचारी के जीपीएफ (General Provident Fund) खाते में जमा किया जाएगा।
पंचायत समिति और जिला परिषद कर्मचारियों को भी लाभ
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि तदर्थ बोनस का लाभ केवल राज्य सचिवालय या विभागीय कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारी भी इस योजना के दायरे में शामिल होंगे। इसका मतलब है कि स्थानीय प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों को भी इस बोनस का लाभ प्राप्त होगा।
महंगाई भत्ता (DA) और राहत (DR) में भी बढ़ोतरी
दिवाली से पहले राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक और राहत दी है। पांचवें और छठे वेतनमान के अंतर्गत वेतन पाने वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनर्स की महंगाई राहत (DR) में बढ़ोतरी कर दी गई है।
वित्त विभाग के आदेश के अनुसार, यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से प्रभावी होगी।
पांचवें वेतनमान के अंतर्गत महंगाई भत्ता 466 प्रतिशत से बढ़ाकर 474 प्रतिशत कर दिया गया है।
वहीं छठे वेतनमान के कर्मचारियों के लिए यह 252 प्रतिशत से बढ़ाकर 257 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस निर्णय से न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि सेवानिवृत्त पेंशनर्स को भी वित्तीय राहत मिलेगी।
आर्थिक प्रभाव और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के इस निर्णय से लगभग 406 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। हालांकि, सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने और त्योहारों के समय उनकी क्रय शक्ति में सुधार लाने के लिए लिया गया है।
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से बोनस और डीए-डीआर में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी, जिसे सरकार ने समय पर स्वीकार किया है।