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जयपुर में 6 गेम जोन सीज, लकड़ी और ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल, फायर फाइटिंग सिस्टम और एनओसी भी नहीं थी

जयपुर में 6 गेम जोन सीज, लकड़ी और ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल, फायर फाइटिंग सिस्टम और एनओसी भी नहीं थी

मनीषा शर्मा ।  गुजरात के राजकोट में हुए गेम जोन हादसे के बाद जयपुर में भी प्रशासन हरकत में आ गया है। रविवार को नगर निगम ग्रेटर की टीम ने शहर में औचक निरीक्षण कर 6 गेम जोन सीज कर दिए। इन गेम जोन में लकड़ी और ज्वलनशील पदार्थ का भारी मात्रा में इस्तेमाल किया गया था, और आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। इनके पास फायर एनओसी भी नहीं थी।

नगर निगम ग्रेटर के चीफ फायर ऑफिसर गौतम लाल ने बताया कि रविवार को शहर के 8 गेम जोन का निरीक्षण किया गया। झोटवाड़ा स्थित ट्राइटन मॉल में 6 गेम जोन (हॉरर हाउस, भूत बंगला, हंसी का फव्वारा, नया अजूबा, कांच का महल, डार्क वर्ल्ड) में भारी अनियमितताएं पाई गईं। इनमें प्लास्टिक, कागज और थर्माकोल के साथ लकड़ी का भारी मात्रा में इस्तेमाल किया गया था। आग बुझाने के लिए भी पर्याप्त संसाधन नहीं थे।

नगर निगम ग्रेटर की फायर शाखा उपायुक्त सरिता मील ने बताया कि इन गेम जोन में लकड़ी और ज्वलनशील पदार्थ का भारी मात्रा में उपयोग किया गया है। जो फायर फाइटिंग सिस्टम लगा था वह सही काम नहीं कर रहा था। इनके पास फायर एनओसी भी नहीं थी। नगर निगम फायर शाखा के अध्यक्ष पारस जैन ने बताया कि शुरुआती तौर पर आज वे झोटवाड़ा के ट्राइटन मॉल में गए थे। जहां भारी गड़बड़ी सामने आई है। इन लोगों के पास आग लगने के बाद उसे बुझाने के लिए पर्याप्त उपकरण तक नहीं थे।

आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई:

पारस जैन ने कहा कि अब गेम जोन के साथ शहर में चल रहे शॉपिंग मॉल, थिएटर और हाई राइज बिल्डिंग का भी निरीक्षण किया जाएगा। ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी अनहोनी को रोका जा सके। यह घटना गेम जोन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की ओर इशारा करती है। प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

 

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