मनीषा शर्मा। राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को सितंबर माह का अंतिम कार्य दिवस होगा। इसके बाद लगातार छह दिन तक अदालत में अवकाश रहेगा। शनिवार और रविवार यानी 27-28 सितंबर को सप्ताहांत की छुट्टी रहेगी, वहीं सोमवार से दशहरा अवकाश की शुरुआत हो जाएगी। इस कारण हाईकोर्ट अब 3 अक्टूबर को ही खुलेगा। लंबी छुट्टियों की वजह से अदालतों में होने वाली सुनवाई प्रभावित होगी और वकीलों के बीच इसको लेकर चर्चा भी तेज है।
लगातार 6 दिन बंद रहेगा हाईकोर्ट
शुक्रवार को कामकाज के बाद हाईकोर्ट लगातार छह दिन तक बंद रहेगा। 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक दशहरा अवकाश रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह की नियमित सुनवाई नहीं होगी। इसके बाद 3 अक्टूबर को अदालत खुलेगी, लेकिन फिर से 4-5 अक्टूबर को शनिवार और रविवार के कारण न्यायिक कार्य प्रभावित रहेगा। ऐसे में अक्टूबर के पहले सप्ताह में हाईकोर्ट महज एक दिन ही कार्य करेगा।
सेंडविच डे की वजह से बढ़ी छुट्टी की मांग
अधिवक्ताओं ने इस स्थिति को देखते हुए 3 अक्टूबर को भी अवकाश घोषित करने की मांग की है। वकीलों का कहना है कि जब इतने लंबे अवकाश के बाद केवल एक दिन अदालत खुलेगी और उसके बाद फिर दो दिन की छुट्टी होगी, तो यह सेंडविच डे की स्थिति बन जाएगी। ऐसे में एक दिन कोर्ट खोलने का कोई विशेष औचित्य नहीं है।
इससे पहले भी अदालतों में कई बार सेंडविच डे के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया है और उसकी भरपाई के लिए शनिवार को कार्यदिवस घोषित किया गया है। वकीलों का मानना है कि इस बार भी हाईकोर्ट प्रशासन को इसी तरह का निर्णय लेना चाहिए ताकि छुट्टियों का क्रम संतुलित हो सके।
अक्टूबर में कई अहम मामलों की सुनवाई तय
अक्टूबर माह में राजस्थान हाईकोर्ट में कई बड़े और चर्चित मामलों की सुनवाई होनी है। इनमें से कुछ मामले राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोर चुके हैं।
6 अक्टूबर: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले की सुनवाई होगी। यह मामला लंबे समय से चर्चाओं में है और इसके परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
8 अक्टूबर: एसआई भर्ती रद्द करने के मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में होगी। इस दौरान ट्रेनी एसआई की अपील पर विचार किया जाएगा। यह भर्ती मामला हजारों युवाओं से जुड़ा है, इसलिए इसका फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
9 अक्टूबर: प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इस मामले में फैसला आने से राज्य के राजनीतिक और शैक्षणिक माहौल पर असर पड़ सकता है।
13 अक्टूबर: जयपुर बम ब्लास्ट मामले में दोषी शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी की अपील पर सुनवाई होगी। यह केस राजस्थान के सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक से जुड़ा है और पीड़ित परिवारों को लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा है।
इसके अलावा भी अक्टूबर माह में कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई निर्धारित है।
वकीलों की दलील
अधिवक्ताओं का कहना है कि लंबे अवकाश के बाद केवल एक दिन अदालत खुलने से न तो सुनवाई की रफ्तार बढ़ेगी और न ही लंबित मामलों का निस्तारण तेजी से हो पाएगा। इसके विपरीत, एक दिन के कामकाज के लिए सभी पक्षों को तैयारी करनी पड़ेगी और फिर दोबारा अवकाश हो जाएगा। इससे न्यायिक प्रक्रिया पर अनावश्यक बोझ बढ़ेगा।
हाईकोर्ट प्रशासन का निर्णय शेष
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हाईकोर्ट प्रशासन वकीलों की इस मांग पर क्या निर्णय लेता है। यदि 3 अक्टूबर को भी अवकाश घोषित कर दिया जाता है, तो लगातार नौ दिनों तक अदालतें बंद रहेंगी और कार्यदिवस की भरपाई किसी शनिवार को करनी पड़ सकती है।
लंबी छुट्टियों से प्रभावित होंगे केस
राजस्थान हाईकोर्ट में पहले से ही हजारों मामले लंबित हैं। लंबी छुट्टियों की वजह से मामलों की सुनवाई में और देरी होगी। हालांकि, कोर्ट की परंपरा रही है कि बड़े त्योहारों पर लंबा अवकाश रखा जाता है। ऐसे में दशहरा छुट्टी को देखते हुए लगातार छह दिन कोर्ट बंद रहना सामान्य माना जा सकता है। लेकिन इस बार सेंडविच डे की वजह से अधिवक्ताओं की मांग ने चर्चा को नया आयाम दे दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट में सितंबर का आखिरी कार्य दिवस शुक्रवार को रहेगा और उसके बाद लगातार छह दिन अदालत बंद रहेगी। 3 अक्टूबर को हाईकोर्ट खुलेगा, लेकिन फिर दो दिन का अवकाश पड़ने से अक्टूबर के पहले सप्ताह में केवल एक ही दिन सुनवाई होगी। अधिवक्ताओं ने इस दिन को भी अवकाश घोषित करने की मांग की है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है। दूसरी ओर, अक्टूबर माह में कई महत्वपूर्ण और हाई-प्रोफाइल मामलों की सुनवाई तय है, जिनके परिणाम पर प्रदेशभर की निगाहें टिकी हुई हैं।


