मनीषा शर्मा। केरल के वायनाड जिले में सोमवार देर रात भारी बारिश के कारण चार अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। इस प्राकृतिक आपदा में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए। अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक लोग लापता हैं। घटना की रात 2 बजे के आसपास इन गांवों में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं। 75 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर हैं। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड भेजा गया है, जिसमें मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा, एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी राहत कार्य के लिए भेजे गए, लेकिन बारिश के कारण उन्हें कोझिकोड लौटना पड़ा।
मुंडक्कई गांव में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 250 लोग फंसे हुए हैं। NDRF की एक टीम पैदल चलते हुए गांव तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस गांव में कई घर बह गए हैं और 65 परिवार प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं।
मौसम विभाग ने वायनाड, कोझिकोड, मल्लपुरम और कसारागोड में रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे राहत कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। वायनाड के इलाके की भौगोलिक स्थिति और पहाड़ी ढलानों के कारण यहां लैंडस्लाइड की संभावना हमेशा बनी रहती है।
वायनाड का पठार पश्चिमी घाट में स्थित है और यहां की ऊंचाई 700 से 2100 मीटर तक है। मानसून की अरब सागर वाली शाखा पश्चिमी घाट से टकराकर ऊपर उठती है, जिससे इस क्षेत्र में भारी बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी और इसकी सहायक नदी मनंतावडी भी है। लैंडस्लाइड के कारण इन नदियों में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।