टोंकlatest-newsराजस्थान

टोंक मेडिकल कॉलेज में पहली बार 50 MBBS सीटें आवंटित

टोंक मेडिकल कॉलेज में पहली बार 50 MBBS सीटें आवंटित

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के टोंक जिले के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। पहली बार टोंक मेडिकल कॉलेज को 50 MBBS सीटें आवंटित की गई हैं। केंद्र सरकार ने देशभर में 1000 नई सीटों का आवंटन किया है, जिसमें राजस्थान के तीन मेडिकल कॉलेजों—जयपुर, जैसलमेर और टोंक—को 50-50 सीटें मिली हैं। यह कदम टोंक जिले के लोगों के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि अब यहां के छात्रों को अपने ही जिले में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।

सत्र 2025-26 से शुरू होगा MBBS बैच

सआदत अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर हनुमान प्रसाद बैरवा ने जानकारी दी कि इस आवंटन के साथ ही टोंक मेडिकल कॉलेज में सत्र 2025-26 से MBBS का पहला बैच शुरू हो जाएगा। यह जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की मांग हो रही थी। अब मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद जिले के हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा और उन्हें पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।

400 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति

मेडिकल कॉलेज शुरू होने के साथ ही यहां लगभग 400 मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होगी। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए तेजी से आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है। सआदत अस्पताल के पास करीब 56 करोड़ रुपये की लागत से सात मंजिला अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा चराई क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज का अलग भवन भी तैयार किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए लगभग 325 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

सआदत अस्पताल बनेगा मेडिकल कॉलेज का हिस्सा

टोंक जिले का सबसे बड़ा अस्पताल सआदत अस्पताल वर्तमान में 300 बेड का है और यहां लगभग 80 डॉक्टर कार्यरत हैं। अब इस अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का हिस्सा बना दिया जाएगा। इससे इसकी क्षमता और सुविधाओं का विस्तार होगा। जिले के मरीजों को अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जयपुर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। टोंक मेडिकल कॉलेज में ही विशेषज्ञ डॉक्टर और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे मरीजों और उनके परिवारों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

स्थानीय स्तर पर बढ़ेगी मेडिकल सुविधा

टोंक मेडिकल कॉलेज की स्थापना से न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि आम जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। पहले जिले में कई गंभीर मामलों को जयपुर रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब उच्च स्तरीय ऑपरेशन, आपातकालीन सेवाएं और अन्य चिकित्सा सुविधाएं यहीं उपलब्ध होंगी। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी वरदान साबित होगी क्योंकि आसपास के गांवों और कस्बों के मरीजों को अब टोंक में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा।

शिक्षा और रोजगार के नए अवसर

मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से जिले में शिक्षा और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। स्थानीय छात्रों को MBBS की पढ़ाई का मौका मिलेगा, वहीं मेडिकल स्टाफ की नियुक्तियों से सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। टोंक मेडिकल कॉलेज से जुड़ा यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में जिले को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

सरकार की बड़ी पहल

राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार दोनों का उद्देश्य है कि चिकित्सा सुविधाएं हर जिले तक पहुंचें। टोंक, जयपुर और जैसलमेर में नई सीटों के आवंटन से यह स्पष्ट है कि सरकार स्वास्थ्य शिक्षा और सुविधाओं को लेकर गंभीर है। सत्र 2025-26 से जब पहला MBBS बैच टोंक मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा, तब यह जिले के लिए नई उपलब्धि साबित होगी। यह न केवल छात्रों के सपनों को पूरा करेगा बल्कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading