शोभना शर्मा। वॉकिंग या पैदल चलना स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक आसान, प्रभावी और बिना किसी लागत वाला तरीका है। विशेषज्ञों की राय में नियमित वॉक करने से हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, वजन नियंत्रित रहता है और मानसिक तनाव भी कम होता है। लेकिन जैसा कि हर अच्छी चीज के साथ होता है, इसकी भी एक सीमा होती है।
अगर आप जरूरत से ज्यादा वॉक करते हैं—दिनभर कई किलोमीटर चलना, अत्यधिक स्टेप्स पूरे करना या शरीर को लगातार थकावट में डालना—तो यह आपके लिए लाभकारी नहीं बल्कि नुकसानदायक साबित हो सकता है। वॉकिंग का अत्यधिक अभ्यास न केवल जोड़ों और मांसपेशियों पर असर डालता है, बल्कि यह आपकी नींद, इम्यूनिटी और ऊर्जा स्तर को भी प्रभावित कर सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि ज्यादा वॉक करने से शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।
1. जोड़ों में दर्द और चोट का खतरा
वॉकिंग को अक्सर लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज माना जाता है, लेकिन जब इसे अत्यधिक मात्रा में किया जाता है, तो यह आपके जोड़ों पर अनावश्यक दबाव डाल सकती है। घुटने, टखने और कूल्हे जैसे जोड़ों को सहारा देने वाली मांसपेशियां ओवरवर्क हो जाती हैं, जिससे सूजन, दर्द और कभी-कभी गंभीर चोटें भी हो सकती हैं।
खासकर उम्रदराज लोगों या उन लोगों के लिए जो पहले से ही गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें जरूरत से ज्यादा वॉक करने से अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
2. मांसपेशियों में थकान और कमजोरी
जब आप लंबे समय तक लगातार वॉक करते हैं, खासकर बिना पर्याप्त रेस्ट के, तो मांसपेशियों को रिकवरी का समय नहीं मिलता। इससे थकान, भारीपन और मसल वीकनेस महसूस हो सकती है। रोजाना 10,000 से ज्यादा स्टेप्स चलना अगर आपकी दिनचर्या बन चुका है और आप शरीर को पर्याप्त आराम नहीं दे रहे हैं, तो मांसपेशियों में सूक्ष्म स्तर पर टूट-फूट होने लगती है।
समय के साथ यह स्थिति मसल लॉस, प्रदर्शन में गिरावट और शरीर की कार्यक्षमता कम होने जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
3. डिहाइड्रेशन और ऊर्जा की कमी
लंबी दूरी तक चलने पर शरीर से पसीने के रूप में काफी मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकल जाते हैं। अगर आप बीच में पानी नहीं पीते या सही तरह से हाइड्रेटेड नहीं रहते, तो डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
डिहाइड्रेशन के लक्षणों में चक्कर आना, थकावट, सिरदर्द और मूड स्विंग्स शामिल हैं। इसके अलावा, शरीर की ऊर्जा का स्तर भी काफी हद तक गिर सकता है, जिससे दिनभर सुस्ती बनी रहती है। जरूरत से ज्यादा वॉकिंग शरीर की एनर्जी रिजर्व को खत्म कर सकती है, जो विशेषकर बुजुर्गों और कम कैलोरी लेने वालों के लिए चिंताजनक हो सकता है।
4. नींद की गुणवत्ता पर असर
वॉकिंग को अक्सर अच्छी नींद का सहारा माना जाता है, लेकिन जब यह हद से ज्यादा हो जाए, तो इसके विपरीत असर भी हो सकते हैं। बहुत अधिक वॉकिंग करने से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो नींद में बाधा डालता है।
अगर आप देर रात तक वॉक करते हैं या सोने से ठीक पहले भारी मात्रा में वॉकिंग करते हैं, तो यह शरीर को उत्तेजित करता है, जिससे नींद आने में परेशानी हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को बार-बार नींद से जागना, गहरी नींद न आना और सुबह थकान महसूस होना जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
5. इम्यून सिस्टम पर असर
शारीरिक व्यायाम इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, लेकिन इसकी अधिकता इसे कमजोर भी बना सकती है। लगातार जरूरत से ज्यादा वॉक करने से शरीर पर फिजिकल स्ट्रेस बढ़ता है। यह स्ट्रेस यदि लगातार बना रहे तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है।
इसका नतीजा यह होता है कि व्यक्ति अक्सर बीमार पड़ने लगता है, जैसे जुकाम, फ्लू, शरीर में दर्द या संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि वॉकिंग का एक संतुलन रखा जाए और शरीर को पर्याप्त रेस्ट दिया जाए।
कितना चलना है “जरूरी” और कितना “ज्यादा”?
WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) के अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एरोबिक एक्सरसाइज या 75 मिनट की तेज एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसे रोजाना के हिसाब से देखें तो 30 मिनट की brisk walk (तेज चलना) पर्याप्त होती है।
हालांकि, कई लोग फिटनेस ट्रैकर की वजह से स्टेप्स गिनने के चक्कर में 15,000 से ज्यादा स्टेप्स रोजाना चलने लगते हैं, जो जरूरत से ज्यादा हो सकता है यदि उसके बाद शरीर को आराम नहीं मिलता।
कैसे बचें ज्यादा वॉकिंग के नुकसान से?
रोजाना 30 से 45 मिनट की वॉक पर्याप्त होती है
हफ्ते में कम से कम एक दिन “नो वॉकिंग डे” रखें
शरीर में दर्द या थकान होने पर वॉकिंग कम करें
अच्छी क्वालिटी के जूते पहनें जो जोड़ों पर दबाव न डालें
सही पॉश्चर और तकनीक के साथ वॉक करें
पर्याप्त पानी पीते रहें और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें
शरीर को पर्याप्त नींद और पोषण दें
वॉकिंग सेहत के लिए बेहद लाभकारी है, लेकिन इसकी भी एक सीमित मात्रा होती है। अगर आप जरूरत से ज्यादा वॉक कर रहे हैं और शरीर के संकेतों को नजरअंदाज कर रहे हैं, तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, फिटनेस के साथ संतुलन और संयम को प्राथमिकता देना जरूरी है। किसी भी नई वॉकिंग रूटीन को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या या शंका की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।