शोभना शर्मा। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा 2024 के आयोजन से पहले एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे न केवल परीक्षा प्रबंधन आसान होगा, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी। आयोग ने इस बार एक नई व्यवस्था लागू की थी, जिसके चलते बिना आवश्यक योग्यता वाले अभ्यर्थियों को आवेदन वापस लेने का अवसर दिया गया। इस पहल का सीधा नतीजा यह रहा कि लगभग 47 हजार अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन वापस ले लिए।
अयोग्य अभ्यर्थियों ने वापस लिए आवेदन
7 सितंबर से शुरू होने वाली वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा 2024 में कुल 11.87 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से बड़ी संख्या ऐसे अभ्यर्थियों की थी, जो निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं करते थे। आरपीएससी की ओर से दी गई सुविधा का उपयोग करते हुए इन 47 हजार अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन वापस ले लिए। अब परीक्षा केवल 11.40 लाख अभ्यर्थियों के लिए आयोजित होगी। आयोग का मानना है कि इस व्यवस्था से न केवल परीक्षा संचालन सुचारु होगा, बल्कि योग्य उम्मीदवारों के लिए निष्पक्ष माहौल भी बनेगा।
गलत सूचना पर सख्त कार्रवाई
आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने स्पष्ट किया कि पात्रता की शर्तें पूरी न करने वाले अभ्यर्थियों को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे। उन्हें 7 से 11 जुलाई तक अपने आवेदन में संशोधन का अवसर भी दिया गया था। इसके बावजूद यदि किसी ने गलत जानकारी देकर आवेदन किया है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर ऐसे अभ्यर्थियों को न केवल परीक्षा से बाहर किया जाएगा, बल्कि उन पर कानूनी कार्यवाही भी होगी। आयोग की यह सख्ती इस संदेश को मजबूत करती है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं होगा।
आयोग की नई व्यवस्था से मिली राहत
आरपीएससी ने इस भर्ती परीक्षा के तहत 2129 पदों पर आवेदन आमंत्रित किए थे। आवेदन प्रक्रिया 26 दिसंबर 2024 से 24 जनवरी 2025 तक चली थी। इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने के बाद परीक्षा प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो सकता था। लेकिन अयोग्य आवेदनों को पहले ही छांट लेने से परीक्षा के संचालन में काफी आसानी होगी। आयोग का कहना है कि इस नए प्रयोग से भविष्य में अन्य परीक्षाओं के लिए भी रास्ता साफ होगा और उम्मीदवारों के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर भी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
भर्ती परीक्षाओं को लेकर अक्सर पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार देखा गया है कि अयोग्य उम्मीदवार आवेदन कर परीक्षा प्रक्रिया को जटिल बना देते हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान उठाना पड़ता है। आरपीएससी की इस नई पहल को उसी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। आयोग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि केवल वही उम्मीदवार परीक्षा में बैठें जो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं।