मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है। दरगाह थाना पुलिस ने जिले में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी अब तक की 20वीं कार्रवाई है, जबकि जिला पुलिस की विशेष टास्क फोर्स अब तक 53 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ चुकी है।
हिल्ली बॉर्डर क्रॉस कर अजमेर पहुंचा युवक
दरगाह थाना पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए आरोपी की पहचान मीरपुर, ढाका (बांग्लादेश) निवासी मोहम्मद शहजादा (37) के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अवैध तरीके से हिल्ली बॉर्डर पार कर पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत आया और ट्रेन से सफर करते हुए अजमेर पहुंचा। पुलिस के अनुसार, आरोपी अजमेर आने के बाद खानाबदोश की तरह रह रहा था और अस्थायी ठिकानों पर काम चला रहा था। उसके पास से कोई वैध दस्तावेज या पहचान पत्र नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान अवैध बांग्लादेशी नागरिक के रूप में स्पष्ट हो गई।
पुलिस की दबिश और जांच
सीओ लक्ष्मणराम ने जानकारी दी कि जिले में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन में एक स्पेशल टास्क फोर्स (STF) बनाई गई है। यह टीम लगातार अलग-अलग इलाकों में दबिश देकर जांच कर रही है। हाल ही में टीम ने दरगाह बाजार, जालियान कब्रिस्तान, अंदर कोर्ट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी, सिलावट मोहल्ला और बड़े पीर का चीला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में दबिश दी। इस दौरान करीब 15 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान मोहम्मद शहजादा ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक स्वीकार किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अब तक की कार्रवाई
सीओ लक्ष्मणराम के अनुसार, अजमेर पुलिस ने अब तक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ 20 कार्रवाइयां की हैं। इन कार्रवाइयों में कुल 53 नागरिकों को डिटेन किया गया है। पुलिस का कहना है कि बांग्लादेशी नागरिक प्रायः हिल्ली बॉर्डर से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करते हैं और फिर पश्चिम बंगाल से होते हुए उत्तर भारत के शहरों तक पहुंच जाते हैं। अजमेर धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, इस कारण यहां पर बाहरी लोगों का आना-जाना अधिक रहता है। इसी वजह से कई बार अवैध प्रवासी यहां आकर छुप जाते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
अजमेर में लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध नागरिक स्थानीय लोगों में घुलमिल जाते हैं और छोटे-मोटे काम कर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जांच और खुफिया तंत्र की सतर्कता से ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं। सीओ ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई भविष्य में और भी तेज़ की जाएगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके और जिले की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
स्थानीय स्तर पर चिंता
अजमेर जैसे धार्मिक और पर्यटक केंद्र में अवैध नागरिकों की मौजूदगी से आमजन भी चिंतित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से रह रहे नागरिक न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं बल्कि कई बार आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल पाए जाते हैं। पुलिस की कार्रवाई के बाद स्थानीय निवासियों ने संतोष जताया है और उम्मीद जताई है कि आगे भी इसी तरह अभियान जारी रहेगा।