मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने राज्य की नगरीय व्यवस्था को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश के शहरों में 2 लाख नई LED स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। यह संख्या पहले प्रस्तावित 1 लाख से दोगुनी कर दी गई है। सरकार का लक्ष्य है कि दीपावली से पहले इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू हो जाए और त्योहारी सीजन में प्रदेश की सड़कें रोशनी से जगमगा उठें।
आधुनिक राजस्थान की दिशा में पहल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस योजना को सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि “सुरक्षित और आधुनिक राजस्थान” के निर्माण की ठोस शुरुआत बताया। उनका कहना है कि हर सड़क, मोहल्ला और बाजार में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए ताकि नागरिक न केवल सुविधाजनक बल्कि सुरक्षित वातावरण में जीवन जी सकें।
राजस्थान की 312 नगरीय निकायों में बढ़ती आबादी और क्षेत्रीय विस्तार के साथ ही सड़कों की संख्या भी बढ़ी है। मौजूदा समय में कई जगहों पर पुरानी और कमजोर लाइटें या तो बंद पड़ी हैं या उनकी रोशनी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि इन पुरानी लाइटों को हटाकर उनकी जगह ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ LED लाइटें लगाई जाएंगी।
LED लाइटों के फायदे
एलईडी स्ट्रीट लाइट्स न केवल अधिक रोशनी देती हैं बल्कि पारंपरिक बल्ब और ट्यूबलाइट की तुलना में बिजली की खपत भी काफी कम करती हैं। इससे सरकार के बिजली बिल में बड़ी बचत होगी। इसके अलावा, इन लाइटों का जीवनकाल लंबा होता है जिससे बार-बार मरम्मत या बदलाव पर आने वाला खर्च भी कम होगा।
इस परियोजना से दोहरा फायदा होगा – एक ओर जहां ऊर्जा की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर वित्तीय बोझ भी घटेगा। राज्य सरकार का मानना है कि इससे दीर्घकाल में करोड़ों रुपये की बचत होगी, जिन्हें अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा।
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को मजबूती
अच्छी स्ट्रीट लाइटिंग का सीधा असर नागरिकों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर पड़ता है। सड़कों पर पर्याप्त रोशनी से न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आती है, बल्कि अपराध की घटनाओं पर भी अंकुश लगता है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग रात के समय आसानी से यात्रा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लाइट लगाने का काम प्राथमिकता से उन जगहों पर शुरू किया जाए जहां भीड़भाड़, बाजार या संवेदनशील इलाके हैं। इससे नागरिकों को तुरंत राहत मिल सकेगी।
“शहर चलो अभियान” से होगी तैयारी
स्वायत्त शासन विभाग ने इस बड़ी परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक “शहर चलो अभियान” की घोषणा की है। यह अभियान 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे राज्य की सभी नगरीय निकायों में चलाया जाएगा। इस दौरान नई लाइटें लगाने के साथ ही खराब पड़ी पुरानी लाइटों को ठीक करने का काम भी किया जाएगा।
यह अभियान मूल रूप से जमीनी स्तर पर कार्ययोजना को मजबूत करने का काम करेगा। इसके जरिए संबंधित विभाग और अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि दीपावली से पहले लाइट लगाने की प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से पूरी हो सके।
नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर
सरकार ने नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 181 भी जारी किया है। इस नंबर पर लोग स्ट्रीट लाइट से जुड़ी किसी भी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसके अलावा, पेयजल और सड़क व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर भी शिकायत की जा सकती है।
हेल्पलाइन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से हो और लाइटों के रखरखाव में लापरवाही न बरती जाए।
त्योहारी सीजन के लिए खास तैयारी
दीपावली राजस्थान के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जब राज्यभर में बाजार और सड़कें रोशनी से सज जाती हैं। सरकार का मानना है कि नई LED स्ट्रीट लाइटें इस उत्सव की खूबसूरती को और बढ़ाएंगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया है कि काम की शुरुआत दीपावली से पहले होनी चाहिए ताकि जनता इस बदलाव का लाभ तुरंत महसूस कर सके।
आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभकारी
यह निर्णय सिर्फ शहरी विकास तक सीमित नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से राज्य की ऊर्जा खपत में बड़ी कमी आएगी। राजस्थान जैसे विशाल और तेजी से विकसित हो रहे राज्य के लिए ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही अहम मुद्दे हैं।