मनीषा शर्मा। तेज गर्मी के बीच राजस्थान में बिजली की खपत 15% बढ़ गई है, जिसके कारण बिजली विभाग को 2000 मेगावाट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मई के पहले सप्ताह में ही बिजली की मांग में 20% से अधिक की वृद्धि देखी गई थी। सप्लाई लोड बढ़ने से कई थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं, जिससे शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली की कमी हो रही है।
ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के अनुसार मई में बिजली की खपत पिछले साल की तुलना में 15% बढ़ी है। 16 मई को 16963 मेगावाट की उच्चतम खपत दर्ज की गई, जो उत्पादन से 2000 मेगावाट कम है। पिछले साल इसी अवधि में एक दिन की अधिकतम खपत 2621.62 लाख यूनिट थी, जो मौजूदा डिमांड से 23.37% कम थी।
राज्य सरकार के 4 और निजी स्वामित्व वाले 2 थर्मल पावर प्लांट बंद होने से 1400 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। नेशनल पॉवर एक्सचेंज से बिजली खरीदने में भी दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि वहां भी बिजली की कीमतें बढ़ गई हैं।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि शाम के समय पवन ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। मांग को पूरा करने के लिए नेशनल पॉवर एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग की जा रही है। विभाग ने मई में ओपन ऐक्सिस से 500 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की संभावना जताई है। बिजली की खपत में वृद्धि के साथ ही बिजली की कमी और भी बढ़ सकती है। राजस्थान में बिजली की कमी एक गंभीर समस्या है। विभाग द्वारा किए गए उपायों के बावजूद, बिजली की कमी से लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।