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थार का रत्न, धर्म और वीरता का समागम बाड़मेर

थार का रत्न, धर्म और वीरता का समागम बाड़मेर

शोभना शर्मा । बाड़मेर, राजस्थान, भारत के थार रेगिस्तान में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला होने के साथ साथ इसे “पूर्व का द्वार” और “थार का रत्न” के नाम से जाना जाता है। यह अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। बाड़मेर में कई धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें से कुछ काफी प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित हैं। आइए आज जानते है बाड़मेर के पर्यटन स्थलों के बारे मे –

किराडू मंदिर

किरडू मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित 11वीं शताब्दी का एक भव्य मंदिर है। यह मंदिर अपनी सोमनाथ शैली की स्थापत्य कला, भित्ति चित्रों और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर में गर्भगृह, मंडप, प्रांगण और सूर्यकुंड शामिल हैं। गर्भगृह में भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली प्रतिमा है। मंडप में नक्काशीदार स्तंभ और आकृतियाँ हैं। प्रांगण में अनेक देवी-देवताओं के मंदिर हैं। सूर्यकुंड में सूर्यदेव की प्रतिमा है। किराडू मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मंदिर अपनी प्राचीनता, भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

जैन मंदिर

बाड़मेर में कई प्राचीन और सुंदर जैन मंदिर हैं, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मंदिर हैं:
चेतनाथजी मंदिर: यह भगवान चेतनाथजी को समर्पित एक महत्वपूर्ण जैन मंदिर है।
पार्श्वनाथ मंदिर: भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित, यह मंदिर अपनी नक्काशीदार मूर्तियों के लिए जाना जाता है।
ऋषभनाथ मंदिर: भगवान ऋषभनाथ को समर्पित, यह मंदिर शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
इन मंदिरों में अनेक तीर्थंकरों की मूर्तियाँ, सुंदर भित्ति चित्र और अद्भुत स्थापत्य कला देखने को मिलती है। जैन धर्म के अनुयायियों और धार्मिक पर्यटकों के लिए ये मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं।

सूर्य मंदिर

 

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