शोभना शर्मा । राजस्थान की राजनीति में नकारा, निकम्मा, गद्दार और धोखेबाज शब्द एक बार फिर सुनाई दिए । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर इन शब्दों का इस्तेमाल किया , प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को नकारा, निकम्मा, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाला नेता बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी के पीठ में छुरा घोंप कर गए हैं। उनके लिए नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करें तो और क्या करें।
यह था पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का बयान
राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण को लेकर गरमाई सियासत पर जब गहलोत अपनी प्रतिक्रया दे रहे थे, इस दौरान पत्रकारों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो इस पर गहलोत ने कहा “उनके बारे में तो कमेंट मुझसे मत कराओ, वे अवसरवादी नेता थे अब उन्हें नॉन परफॉर्मिंग कह दो, निकम्मे कह दो, नकारा कह दो, गद्दार कह दो, ये तमाम शब्द भाई बहन हैं, इनका इस्तेमाल इन्हीं के लिए होता है जो गद्दारी करता है वो गद्दार ही हैं डिक्शनरी में तो यही सत्य है, उन्होंने अच्छा नहीं किया 5 साल उन सभी ने राज किया लेकिन जब पार्टी पर संकट आया तो चले गए छोड़कर ये वक्त अभी काम करने का है ।”
कांग्रेस के कद्दावर नेता रिछपाल मिर्धा का पलटवार
कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे रिछपाल मिर्धा ने गहलोत के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस राज में कांग्रेसी नेताओं तक के काम नहीं होते थे। कांग्रेसी नेताओं ने अपना मान सम्मान बचाने के लिए पार्टी छोड़ी और भाजपा का दामन थामा, इसके जिम्मेदार गहलोत ही हैं। अंत मे कांग्रेस में आलाकमान और गहलोत ही बचेंगे। चार जून से पहले जितनी बयानबाजी करनी है कर लो, उसके बाद कोई मौका नहीं मिलेगा। हमने और कई नेताओं ने खून पसीने से कांग्रेस पार्टी को सींचा था। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने में हमारा कोई स्वार्थ नहीं है। मिर्धा ने आगे कहा कि अशोक गहलोत ने तो मुख्यमंत्री की कुर्सी बरकरार रखने के लिए पार्टी के युवा और लोकप्रिय नेता सचिन पायलट के लिए भी गद्दार, नकारा और निकम्मा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का X पर बयान
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान के जवाब मे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने X पर लिखा है “कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना” अशोक गहलोत साहब जिन नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, वो कभी कांग्रेस में सबसे ज्यादा आपके ही करीबी थे। उनकी पॉलिटिकल परफॉरमेंस भी आपको खूब भाती थी और अब आप कांग्रेस की विचारधारा को त्यागकर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के लिए नाकारा और निकम्मा जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। पूर्व में पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व विगत कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री के लिए भी आपने इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया था, जिसका ही नतीजा रहा कि कांग्रेस सरकार 5 साल सत्ता में रहने के दौरान सिर्फ किस्सा कुर्सी के खेल में लगी रही। इसके बाद राठौड़ ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा की सबसे बड़े ‘नॉन परफॉर्मिंग एसेट’ कांग्रेस के युवराज ही है। 4 जून का इंतजार कीजिये, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद सबसे बड़े “नॉन परफॉर्मिंग असेट” का तमगा आपकी पार्टी कांग्रेस और युवराज राहुल गांधी को ही मिलेगा।